वक्ताओं ने कहा भूमिहीनों के बीच जमीन का वितरण चरण बद्ध आंदोलन के द्वारा किया गया। बेनीपट्टी प्रखंड का अंधरी गांगुली का किसान आंदोलन , बासोपट्टी प्रखंड का सेलीबेली का किसान आंदोलन जिसमे एक एक साथ भाकपा के 7 साथियों ने शहीद संतु महतो के नेतृत्व में अपने कुर्बानी दी थी । आज भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का शताब्दी वर्ष समारोह पूरे देश में जश्न के माहौल में मनाया जा रहा है । पूर्वजों के त्याग ,बलिदान एवं कुर्बानियों की गाथा को याद करते हुए ,उनके प्रति श्रद्धाजली अर्पित करते हुए उनके अधूरे कार्यों एवं उनके सपनों को पूरा करने का संकल्प पार्टी कार्यकर्ता ले रहे है । देश की आजादी का सही मकसद को वर्तमान राजनीतिक परिस्थिति से रौंदा जा रहा है । 2014 के बाद से केंद्र के शासन में भागीदारी देने वाले लोग भारतीय स्वतंत्रता, संप्रभुता , लोकतंत्र एवं संविधान की धज्जियां उड़ा रहे है । ऐसी परिस्थिति में उनका मुकाबला करने के लिए भाकपा के संगठन एवं आंदोलन को मजबूत करने की जरूरत देश के नौजवानों को है । किसानों के सामने खेती एवं खेत बचाने के लिए अस्तित्व का सवाल है । मजदूर का हक उनसे छीन जा रहा है । उनके हक के लिए बने श्रमिक कानून को समाप्त कर आंदोलन को कमजोर किया जा रहा है । नौजवानों के सामने बेरोजगारी मुंह फारे खड़ा है । शिक्षा नीति का बाजारीकरण कर दिया गया है । भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के शताब्दी वर्ष में गांव गांव स्थापन के समारोह आयोजित कर पार्ट के इतिहास एवं भेदभाव विहीन समाज के निर्माण में पार्टी की भूमिका एवं देन की चर्चा परिचर्चा बैठकों एवं अन्य कार्यक्रमों में करना है । जिला मंत्री मिथिलेश झा द्वारा मधुबनी जिला में सदस्यता अभियान एवं पार्टी संघर्ष कोष संग्रह अभियान को तेज करने , जनांदोलन को मजबूत बनाने, लोक कल्याणकारी योजनाओं में व्याप्त संगठित भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन में आम लोगो को गोलबंद करने के लिए सभी पार्टी इकाईयों को सक्रिय करना इस समारोह का मुख्य संकल्प होगा । वर्षों के दखल जमीन का पर्चा , बाटादारी पर्चा का 24 गुना मालगुजारी के साथ देने के लिए , वर्षों से बसे लोगों को बासगित का पर्चा , पर्चा धारियों एवं जमीन से बेदखल किसानों तथा भूमिहीनों को दखल दिहानी के साथ साथ सभी भूमिहीनों को बास योग्य 5 डिसीमल ज़मीन देने का आंदोलन तेज करना इस शताब्दी वर्ष समारोह का मुख्य लक्ष्य निर्धारित किया जाता है । पार्टी राष्ट्रीय परिषद के सदस्य एवं बिहार महिला समाज के महासचिव राज श्री किरण द्वारा प्रथम महिला बि फातमा के देन की चर्चा करते हुए महिलाओं को अपने अधिकार के लिए आवाज बुलंद करने एवं भाकपा का सदस्यता ग्रहण करने का अपील किया गया ।शिक्षिका सावित्री बाई फुले एवं समारोह में पार्टी के सभी अंचल के नेतृत्वकारी साथी , जिले के विभिन्न हिस्सों से भाग लिए । जिला सचिवमंडल के साथी उपेंद्र सिंह , लक्ष्मण चौधरी , कृपा नंद आजाद ,मनोज मिश्रा , राकेश कुमार पांडेय , रामनारायण यादव, सूर्यनारायण महतो ,, ट्रेड यूनियन के जिला महासचिव सत्यनारायण राय ,सहित जिला के कई नेतृत्वकारी साथी भाग लिए । महान स्वतंत्रता सेनानी पूर्व मंत्री तेज नारायण झा के 14 वीं पुण्यतिथि पर उन्हें याद करते हुए ,जेल में अंग्रेजी हुकूमत के यातनाओं को झेलते हुए आजादी के आंदोलन को तेज करने के लिए भोगेंद्र झा के निर्देश पर जेल चारदीवारी को फांदने का साहस को नमन करते हुए अधूरे कार्यों को पूरा करने का वक्ताओं ने संकल्प लिया । कार्यक्रम की शुरुआत राज्य सचिव रामनरेश पांडेय द्वारा पार्टी ध्वजारोहण एवं शहीदों ,पार्टी स्थापना काल के क्रांतिवीरों एवं मिथिलांचल सहित बिहार में भाकपा एवं आंदोलन को पहचान बनाने वाले भोगेंद्र सहित अन्य को पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ किया गया।
मधुबनी (रजनीश के झा)। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी स्थापना शताब्दी वर्ष समारोह सह महान स्वतंत्रता सेनानी पूर्व मंत्री तेजनारायण झा स्मृती दिवस उत्सव गार्डन गंगासागर, मधुबनी में जिला मंत्री मिथिलेश झा के अध्यक्षता में मनाया गया। समारोह का मुख्य अतिथि राज्य सचिव रामनरेश पांडेय एवं केंद्रीय शिक्षा विभाग के इंचार्ज अनिल राजिमवाले ने कहा बिहार में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का स्थापना 20 अक्टूबर 1939 को मुंगेर शहर ने जबकि देश स्तर पार्ट भाकपा का स्थापना 26 दिसंबर 1925 को कानपुर शहर में हुआ । स्थापना का प्रथम सम्मेलन हसरत मोहानी की अध्यक्षता में हुई जिसमे एस वी घाटे प्रथम महासचिव निर्वाचित हुए । आजादी की लड़ाई में अग्रणी भूमिका में रहते हुए कम्युनिस्ट कार्यकर्ताओं ने पूर्ण स्वाधीनता का नारा कांग्रेस महाधिवेशन ने दिया था । अंग्रेजी हुकूमत को अपने युवा अवस्था से ही धूल चटाने वाले शहीद भगत सिंह आज के नौजवानों का प्रेरणा श्रोत है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी स्वतंत्रता आंदोलन में अपनी पूरी क्षमता के साथ काम कर रही थी साथ ही देश में जमींदारी उन्मूलन एवं सामंती शोषण के खिलाफ भी सामाजिक परिवर्तन का संघर्ष कर रही थी । मधुबनी, दरभंगा , समस्तीपुर सहित सम्पूर्ण मिथिलांचल एवं बिहार में भोगेंद्र झा , चतुरानन मिश्रा , गंगाधर दास , श्रीमोहन झा , मांझी साहू , तेजनारायन झा , राजकुमार पूर्वे , प्रयाग लाल यादव , शहाबुद्दीन अंसारी , अब्दुल सलाम सहित दर्जनों साथियों का नेतृत्व कम्युनिस्ट आंदोलन एवं बेसहारा ,बेघरों का आवाज बनकर सैकड़ों गांव , लाखो परिवार को बसाया है । भोगेंद्र झा के नेतृत्व में हुए आंदोलन में शहीद पलटू यादव एवं शहीद संत खतवे के शहादत से प्रारंभ शहीदों का कारवां शहीद संतु महतो , शहीद नूजी अमातीन, शहीद संतु महतो सहित 6 दर्जन से भी अधिक लोगों ने अपनी कुर्बानी दी है ।
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