वाराणसी : बर्फीली गलन बढ़ी तो प्रदर्शनी में कश्मीरी शॉल, सूट व स्वेटर की डिमांड में आयी तेजी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

बुधवार, 8 जनवरी 2025

वाराणसी : बर्फीली गलन बढ़ी तो प्रदर्शनी में कश्मीरी शॉल, सूट व स्वेटर की डिमांड में आयी तेजी

  • पन्द्रह दिवसीय मेले में अब दुकानदारों की बिक्री 2.31 करोड़ पहुंची

Cold-cloath-market-varanasi
वाराणसी (सुरेश गांधी)। पहाड़ी बर्फबारी के बाद हाड़ कंपाती ठंड के बीच नस्तर सी चुभती गलन से मंगलवार को गरम कपड़ों की खरीदारी में जबरदस्त तेजी देखने को मिली। उप्र खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा “मंडलीय खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी“ में कश्मीरी शॉल, सूट्स व जैकेट की लोंगों को जमकर खरीदारी करते देखा गया। पहलगॉम हैंडलूम वीयर कश्मीरी बाजार के दुकानदार समीर अहमद ने बताया कि आज उनके दुकान पर पशमीना शॉल्स, सूट्स, क्रैप सूट्स, वूलेन सूट्स, स्टोल, स्वेटर, प्योर सेफ्रान, कनी शॉल आदि की डिमांड ज्यादा रही।


अर्बन हॉट प्रांगण, चौकाघाट में 10 जनवरी तक आयोजित इस प्रदर्शनी में अब तक दो करोड़ इकतीस लाख की बिक्री हो चुकी है। प्रदर्शनी में खादी वस्त्रों व ग्रामोद्योगी वस्तुओं की भी जमकर खरीदारी हो रही है। उपभोक्ता खादी पर 30 प्रतिशत छूट का लाभ उठा रहे है। प्रदर्शनी में मां मुंडेश्वरी म्यूजिक वाराणसी राकेश चौबे संगम एवं टीम द्वारा कवि सम्मेलन की प्रस्तुति दी गई। परिक्षेत्रीय ग्रामोद्योग अधिकारी यूपी सिंह ने बताया कि प्रदर्शनी का मुख्य उद्देश्य प्रदेश दूरस्थ स्थानों के कामगारों द्वारा उत्पादित खादी ग्रामोद्योग सामानों की अधिक से अधिक बिक्री हो, ताकि उनकी आजीविका में सुधार हो सकें और महात्मा गाँधी जी का सपना साकार हो। प्रदर्शनी में कुल 113 स्टाल लगाये गये है, जिसमें 25 स्टाल खादी उद्योग एवं 88 स्टाल ग्रामोद्योगी उत्पाद के लगे है।


प्रदर्शनी में खादी के आधुनिक वस्त्र, खादी के बने कटिया, मूंगा और सूती वस्त्र, कुर्ता, पैजामा, शर्ट, गमछा, धोती, रूमाल, लूंगी, रजाई गददे, डिजाईनर साड़ियाँ, बनारसी साड़ियाँ काटन की साड़ियाँ और काश्मीरी शाल, सूट स्टाल, स्वेटर जैकेट एवं उत्तराखण्ड की ऊनी जैकेट एवं सहारनपुर के बने कम्बल, नक्काशीदार सोफा, बेड, दिवान झूला एवं लकडी के बने आधुनिक सामान, प्रतापगढ एवं वाराणसी के ऑवला से निर्मितं खाद्य सामग्री जैसे लडडू, बर्फी, कैंडी, सिरका एवं अचार जैसे आम का अचार नीबू का अचार, लहसून का आचार एवं अदरक आचार, कानपुर के बने चमडे के सामान जैसे जूता, चप्पल, बेल्ट, पर्स एवं आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों से बनी दवायें एवं चन्दन, चन्दन फेस पैक एवं रूदाक्ष, अंगूठी और दर्द नाशक तेल प्रदर्शनी में भारी छूट के साथ उपलब्ध है। प्रदर्शनी में आये हुए सभी लोगो से अनुरोध है कि स्वदेशी सामान खरीद कर इस देश को मजबूत बनाइये। प्रदर्शनी का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र के उद्यमियों को बाजार उपलब्ध कराना एवं विपणन में सहायता व बिक्री के लिये प्रोत्साहित किया जाना है। परिक्षेत्रीय ग्रामोद्योग अधिकारी ने लोगो से मेला में पधारने हेतु अनुरोध किया है।   

कोई टिप्पणी नहीं: