इन दिनों बैंगलोर में हूँ। यहाँ के ‘रामेश्वरम कैफे’ का नाम बहुत सुन रखा था। पिछले वर्ष यहाँ हुए बम-धमाके की वजह से यह कैफे खूब चर्चा में भी रहा। बेंगलुरु के इंदिरा नगर स्थित 10×10 स्क्वायर फुट की इस कैफे के बाहर और अंदर लोगों की भारी भीड़ रहती है। यह कैफे दक्षिण भारतीय व्यंजनों के लिए प्रसिद्ध है। बताया जाता है कि यह कैफे सालाना 50 करोड़ रुपये से ज्यादा का बिजनेस करता है। रामेश्वरम कैफे की स्थापना सीए दिव्या राघवेंद्र राव और राघवेंद्र राव ने साल 2021 में की थी। दक्षिण भारतीय व्यंजनों का स्वाद लेने के लिए हर दिन सुबह से ही लोग 'रामेश्वरम कैफे' के सामने कतार में खड़े होते हैं।एक दिलचस्प बात इस कैफे के बारे में यह बताई जाती है कि 'रामेश्वरम कैफे' में हर सुबह भगवान की पूजा के बाद ही विशाल रसोई-घर में गैस चालू की जाती है और दर्जनों/बीसियों रसोइयों द्वारा नाना प्रकार के व्यंजन बनने शुरू होते हैं।
अपने देश का एक प्रसिद्ध,दिलकश और संतुलित आबोहवा वाला शहर है बंगलौर जिसे अब बैंगलुरू कहा जाता है। घनी आबादी के कारण यह शहर ट्रैफिक-जैम के लिए भी जाना जाता है। हालांकि मेट्रो के विस्तार से यातायात में काफी सुधार की संभावनाएं जताई जा रही हैं। बेंगलुरु को भारत की 'सिलिकॉन वैली' कहा जाता है। यह सूचना प्रौद्योगिकी (IT) का एक प्रमुख केंद्र है और दुनिया की कई प्रमुख आईटी कंपनियां यहां काम करती हैं।बेंगलुरु को 'गार्डन सिटी ऑफ़ इंडिया' भी कहा जाता है।यहां कई झीलें और पार्क हैं। बेंगलुरु में कई ऐतिहासिक जगहें हैं। यहां का इस्कॉन मंदिर, दुनिया के सबसे बड़े कृष्ण-हिंदू मंदिरों में से एक है। बेंगलुरु में कई खेल स्टेडियम हैं। भारत की राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी, बेंगलुरु के० एम० चिन्नास्वामी स्टेडियम में स्थित है।बेंगलुरु में कई कॉलेज, सार्वजनिक पुस्तकालय और अनुसंधान संस्थान हैं। बेंगलुरु में कलाकार,संगीतकार, और हास्य कलाकार अक्सर परफॉर्मेंस देते रहते हैं। बेंगलुरु में श्रीश्री द्वारा संचालित आर्ट ऑफ़ लिविंग फाउंडेशन है, जो भारत का सबसे लोकप्रिय एनजीओ है। बेंगलुरु को ‘फन सिटी’ भी कहा जाता है।
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