- शिव आज्ञा के बिना दक्ष के यज्ञ में पहुंची सती पति अपमान के बाद कुंड में हो गई थी भस्म
- संगीतमय श्रीमद भागवत कथा महापूराण का हनुमान फाटक मंदिर परिसर कस्बा में शनिवार को तीसरा दिन
श्री तिवारी ने कहा की प्रभु की कथा सुनने की कोई आयू नहीं होती है कथा वृद्धों के लिए नहीं बच्चों और युवाओं के लिए होती है वृद्ध अपनी आयू पूरी कर चुके होते है जबकी बच्चों को पूरा जीवन जीना होता है। कथा में बच्चों भी माता पिता को लाना चाहिए और युवाओं को भी कथा में समय निकाल कर आना ही चाहिए जिस से की समय पर बुरी संगति पर अंकुश लग जाए और भगवान की कृपा से लोक परलोक बच्चों का सुधर जाए। पं रवि शंकर तिवारी ने कथा में बुजुर्गो के महत्व को बताते हुए कहा की बुजुर्गो का सम्मान अब काफी कम हो गया है। जिस घर में परिवार में वृद्धों का सम्मान नही होता है वह प्रगतिकाल भी समाप्त होता है। बारात में अब बुजुर्गो को लेजाना पंसद नही करते है अब विवाह में केवल हल्दी, मेहंदी महिला संगीत ही रह गया है। बारात में युवाओं कारण लड़ाई झगड़े हो रहे है। विवाह में अब आधुनिक कुरीतियां बढ़ती जा रही है। कथा के दौरान शिव पार्वती विवाह सम्पन्न कराया गया। श्रद्धालुओं महिलाओंं के द्वारा माता पार्वती के पेर पूजन किया गया। मुख्य यजमान राजपूत परिवार के द्वारा भागवत जी की विधिवत पूजा अर्चना की गई। रविवार को भगवान श्री कृष्ण का जन्म उत्सव मनाया जाएगा।
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