सीहोर : बिना बुलाए प्रभू कथा में पहुंचना चाहिए और बिना आमंत्रण के कहीं जाना नहीं चाहिए : पं तिवारी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 4 जनवरी 2025

सीहोर : बिना बुलाए प्रभू कथा में पहुंचना चाहिए और बिना आमंत्रण के कहीं जाना नहीं चाहिए : पं तिवारी

  • शिव आज्ञा के बिना दक्ष के यज्ञ में पहुंची सती पति अपमान के बाद कुंड में हो गई थी भस्म
  • संगीतमय श्रीमद भागवत कथा महापूराण का हनुमान फाटक मंदिर परिसर कस्बा में शनिवार को तीसरा दिन  

Bhagwat-katha-sehore
सीहोर। श्रद्धालु को भागवत कथा के आमंत्रण की प्रतिक्षा नहीं करनी चाहिए बिना बुलाए प्रभू कथा में पहुंचना चाहिए और संसार व्यवहार में बिना आमंत्रण के कहीं जाना नहीं चाहिए क्योंकी बिना बुलाए जाने से अपमान मिलता है। शिव बाबा की बिना आज्ञा के राजादक्ष के द्वारा आयोजित यज्ञ में माता सती पिता मोह में पहुंच गई थी तब राजादक्ष के द्वारा अपने पति शिव बाबा का त्रिस्कार अपमान सती माता सहन नहीं कर पाई और यज्ञकुंड में ही कूदकर भस्म हो गई। उक्त उद्गार शनिवार को हनुमान फाटक मंदिर परिसर कस्बा में चल रही संगीतमय श्रीमद भागवत कथा महापूराण के तीसरे दिन शनिवार को भागवत भूषण पंडित रवि शंकर तिवारी ने श्रद्धालुओं को भगवान की भक्ति की महीमा बताते हुए कहीं। पंडित रवि शंकर तिवारी ने कहा की भगवान की भक्ति प्रहलाद की तरह करनी चाहिए भक्त प्रहलाद को उनके राक्षस पिता ने असुर नीति सिखाने की कोशिश की परंतु प्रहलाद ने सबको नारायण की भक्ति सिखा दी थी प्रहलाद की भक्ति इतनी शक्तिशाली थी की भगवान को उनके आहवान करने पर खंम्भे से भी प्रकट होना पड़ा था। भगवान की कृपा के लिए हमेें प्रहलाद की भांति सरल होने की आवश्यकता है।


श्री तिवारी ने कहा की प्रभु की कथा सुनने की कोई आयू नहीं होती है कथा वृद्धों के लिए नहीं बच्चों और युवाओं के लिए होती है वृद्ध अपनी आयू पूरी कर चुके होते है जबकी बच्चों को पूरा जीवन जीना होता है। कथा में बच्चों भी माता पिता को लाना चाहिए और युवाओं को भी कथा में समय निकाल कर आना ही चाहिए जिस से की समय पर बुरी संगति पर अंकुश लग जाए और भगवान की कृपा से लोक परलोक बच्चों का सुधर जाए। पं रवि शंकर तिवारी ने कथा में बुजुर्गो के महत्व को बताते हुए कहा की बुजुर्गो का सम्मान अब काफी कम हो गया है। जिस घर में परिवार में वृद्धों का सम्मान नही होता है वह प्रगतिकाल भी समाप्त होता है। बारात में अब बुजुर्गो को लेजाना पंसद नही करते है अब विवाह में केवल हल्दी, मेहंदी महिला संगीत ही रह गया है। बारात में युवाओं कारण लड़ाई झगड़े हो रहे है। विवाह में अब आधुनिक कुरीतियां बढ़ती जा रही है। कथा के दौरान शिव पार्वती विवाह सम्पन्न कराया गया। श्रद्धालुओं महिलाओंं के द्वारा माता पार्वती के पेर पूजन किया गया। मुख्य यजमान राजपूत परिवार के द्वारा भागवत जी की विधिवत पूजा अर्चना की गई। रविवार को भगवान श्री कृष्ण का जन्म उत्सव मनाया जाएगा। 

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