- नहीं माने भोलेभंडारी ब्रज में आ गए पार्वती के साथ बनकर सुंदर नारी
- श्रीमद भागवत कथा ज्ञान गंगा सुनने के लिए उमड़ी रही है, हनुमान फाटक मंदिर परिसर कस्बा में श्रद्धालुओं की भीड़
- संगीतमय श्रीमद भागवत कथा महापूराण का हनुमान फाटक मंदिर परिसर कस्बा में मंगलवार को हुआ छटवां दिन
पंडि़त तिवारी ने कहा की श्रद्धाभक्ति भाव से किया गया धर्मदान हमेशा काम आता है, अगर हम दान नहीं करते प्रभू का भजन कीर्तन नहीं करते तो कोरोना जैसी महामारी में हम भी परलोक सिधार जाते, जबकी कोरोनाकाल में अनेक हमारे परिचित स्वर्गवासी हो गए है। यह भगवान की हीं कृपा है की हम पंडाल में बैठकर भागवत कथा श्रवण कर रहे है और पूर्णरूप से सुरक्षित यह प्रभू की कृपा है। ब्रज में भगवान श्रीकृष्ण रास रचाते है, गोपियों के साथ भक्तिरस के गीत गाते है, आत्मा का मिलन परमात्मा से कराते है ब्रज में आने के लिए कैलाश पर्वत पर माता पार्वती भी श्रृंगार करती है, भगवान भोलेभंडारी भी रास में भगवान के दर्शन करने चलने की जिद करते है किन्तू पार्वती केवल रास में स्त्रियों के ही जाने की बात बताती है तो भोलेभंडारी रास में सुंदर नारी बनकर पहुंच जाते है और प्रभू के दर्शन करते हुए उनकी स्तुति करते है। जज और केवट का प्रसंग सुनाते हुए भागवत भूषण पंडित रवि शंकर तिवारी ने कहा रघुनाथ पर विश्वास करना चाहिए संसार के लोगों के आगे हाथ नही फैलाना चाहिए रघुनाथ ही सबके नाथ है उनके ही गुणगाना चाहिए। भक्त की सरलता प्रंसग सुनाते हुए श्री तिवारी ने कहा की जीवन में भोजन ही सबकुछ नही है भजन का भी महत्व है। प्रभू सरलता विन्रमता पर रीझते है वह सबके लिए है और भाव से पुकार लगाओं वह सबकुछ करते है। मुख्य यजवान दीपेंद्र पदम वरैया,हितेंद्र तिवारी,कमलादेवी राजपूत, अशोक राजपूत, राधा राजपूत और नितिन,जानकी,नवजोत गर्विता राजपूत और श्रद्धालुजनों ने भागवत जी का विधिवत पूजन किया। कथा प्रतिदिन दोपहर एक बजे से शाम चार बजे तक हो रहीे है।
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