बैठक में उपस्थित पदाधिकारी ने इस बात पर चिंता प्रकट की कि मनु की व्यवस्था को कोसने की प्रवृत्ति इस समय देश में बहुत अधिक चल रही है। जबकि सच यह है कि मनु महाराज किसी भी दृष्टिकोण से शूद्र या नारी जाति या किसी वर्ग विशेष के विरोधी नहीं थे। उनकी मनुस्मृति संसार का आदि संविधान है। उन्होंने बताया कि बैठक में निर्णय लिया गया कि यदि अमेरिका के लोग मनु महाराज को आदि संविधान निर्माता के रूप में मान्यता दे सकते हैं, यूरोपियन कंट्री उनका सम्मान कर सकते हैं तो भारत में ऐसा क्यों नहीं हो सकता ? इसके लिए मनु और मनुस्मृति की सच्चाई को सामने लाना समय की आवश्यकता है. क्योंकि मनु महाराज हमारी सांस्कृतिक विरासत के प्रतीक है। बैठक में अध्यक्ष डॉ राकेश कुमार आर्य, संरक्षक मंडल के सदस्य देवेंद्र सिंह आर्य , आचार्य करण सिंह, देव मुनि जी महाराज ने अपने विचार व्यक्त करते हुए स्पष्ट किया कि मनु महाराज पर जिस प्रकार सकारात्मक ढंग से आर्य समाज ने चिंतन किया है, उस चिंतन को समाज में प्रचारित प्रसारित करना समय की आवश्यकता है। क्योंकि एक षड्यंत्र के अंतर्गत मनु को बदनाम करने के लिए कम्युनिस्ट, मुस्लिम, ईसाई और बड़ी संख्या में हिंदू समाज के लोग जिस प्रकार ध्रुवीकरण कर रहे हैं वह देश के लिए खतरे की घंटी है। बैठक में आर्य प्रतिनिधि सभा जनपद गौतम बुद्ध नगर के संरक्षक मंडल के सम्मानित सदस्य देवेंद्र सिंह आर्य, आचार्य करण सिंह, देव मुनि जी महाराज सहित उप प्रधान महावीर सिंह आर्य, मुकेश नागर एडवोकेट, कार्यकारिणी सदस्य महेंद्र सिंह आर्य, रविंद्र सिंह आर्य, सतीश शास्त्री, शिव मुनि, विपिन आर्य , आर्य सागर खारी दिवाकर आर्य, मंत्री धर्मवीर सिंह आर्य आदि उपस्थित थे।
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