- देशभक्ति गीतों की प्रस्तुति से शहीदों को नमन करेंगे बच्चे
ज्ञातव्य है कि 1857-1858 के भारतीय इतिहास के प्रथम स्वतंत्रता आंदोलन में सीहोर के क्रांतिकारियों ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और सीहोर को अंग्रेजों से स्वतंत्र कराकर पहली समानांतर सरकार सिपाही बहादुर की स्थापना की थी। क्रांतिकारी हवलदार महावीर कोठ के नेतृत्व में वलि शाह, सूबेदार रमजूलाल, आरिफ शाह, लक्ष्मण पाण्डे, रामप्रसाद, देवीदीन, शिवचरण जैसे क्रांतिकारियों ने सीहोर को अंग्रेजो से मुक्त कर दिया था। इन्ही सैकड़ो देशभक्त क्रांतिकारियों को बिना किसी नियमित जांच के १४ जनवरी १८५८ को जनरल ह्यूरोज की अंग्रेज सैना ने टुकडिय़ों में खड़ाकर इनके सीनों को गोलियों से छलनी कर दिया था। इस विशाल नरसंहार में करीब ३५६ से अधिक क्रांतिकारी शहीद हुए थे। जिनकी समाधियां सैकड़ाखेड़ी मार्ग पर सीवन नदी के कि नारे पर अब भी बनी हुई हैं। शहीद सिपाही बहादुर स्मारक निर्माण समिति के आव्हान पर इस वर्ष १४ जनवरी शनिवार को प्रात: १०.30 बजे श्रद्धांजली सभा का आयोजन किया गया है।
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