रंगमंच के 25 वर्षों की भव्यता का जश्न मनाते हुए भारत रंग महोत्सव का भव्य उद्घाटन हुआ - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 29 जनवरी 2025

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रंगमंच के 25 वर्षों की भव्यता का जश्न मनाते हुए भारत रंग महोत्सव का भव्य उद्घाटन हुआ

  • राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी), दिल्ली द्वारा आयोजित विश्व का सबसे बड़ा नाट्य महोत्सव, बीआरएम अगले 20 दिनों तक दर्शकों को मंत्रमुग्ध करने के लिए तैयार है।
  • पिछले 60 वर्षों में रंगमंच के दिग्गजों (जैसे वनराज भाटिया और बी.वी. कारंत आदि ) द्वारा रचित नाट्य कृतियों का एक अद्भुत संग्रह, 'रंग संगीत', एनएसडी रिपर्टरी कंपनी द्वारा प्रस्तुत किया गया।
  • भारत रंग महोत्सव ने 'एक रंग: श्रेष्ठ रंग' की विशेष थीम के साथ अंतरराष्ट्रीय क्षितिज पर अपनी पहुँच को और बढ़ाया

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नई दिल्ली, 28 जनवरी (रजनीश के झा) : विश्व के सबसे बड़े रंगमंच महोत्सव के रूप में प्रतिष्ठित, भारत रंग महोत्सव (बीआरएम) 2025 का आज नई दिल्ली के मंडी हाउस स्थित राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) परिसर में भव्य उद्घाटन हुआ। इस अवसर पर माननीय केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे, जबकि दिग्गज अभिनेता एवं फिल्म निर्माता शेखर कपूर ने विशिष्ट अतिथि के तौर पर शिरकत की।संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार की संयुक्त सचिव (अकादमी) सुश्री उमा नंदूरी, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के  निदेशक श्री चित्तरंजन त्रिपाठी, एनएसडी  सोसाइटी के उपाध्यक्ष प्रो. भरत गुप्त, प्रसिद्ध अभिनेता एवं सांसद श्री रवि किशन और एनएसडी  के पूर्व छात्र एवं प्रसिद्ध अभिनेता श्री राजपाल यादव, जो इस महोत्सव के एम्बेसडर भी हैं, इस शानदार समारोह में शामिल हुए। यह रंगारंग महोत्सव 28 जनवरी से 16 फरवरी, 2025 तक 20 दिनों तक चलेगा, और भारत के 13 शहरों के अलावा  नेपाल तथा श्रीलंका में भी रंगमंच की छाप छोड़ेगा। पहली बार बीआरएम  अंतरराष्ट्रीय सहभागिता और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से वैश्विक स्तर पर अपनी पहुँच का विस्तार कर रहा है। इस महोत्सव में 200 से अधिक नाट्य प्रस्तुतियाँ, चर्चाएँ, मास्टरक्लास जैसे विभिन्न कार्यक्रम होंगे, जो रंगकर्म प्रेमियों के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव साबित होंगे। 'एक रंग, श्रेष्ठ रंग' और 'एक अभिव्यक्ति, सर्वोच्च रचना' -- ये थीम न केवल अभिव्यक्ति की एकता पर जोर देती हैं बल्कि मानवता की एकता का भी संदेश देती हैं। यह विश्व भर के कलाकारों और विभिन्न संस्कृतियों को एक मंच पर लाकर उनके बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देता है। रंगमंच की शक्ति से परिवर्तन लाने की क्षमता पर प्रकाश डालते हुए, यह कार्यक्रम सद्भाव और एकता की भावना जगाने का प्रयास करता है।


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इस आयोजन में उपस्थित माननीय केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भारंगम के विस्तार और इसके सांस्कृतिक महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारंगम अब सिर्फ़ भारत के विभिन्न शहरों तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बना रहा है। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को मजबूत करने में कला और संस्कृति की भूमिका पर भी जोर दिया और कहा, “भारत की कला और संस्कृति वसुधैव कुटुम्बकम में विश्वास करती है”। एनएसडी के निदेशक चित्तरंजन त्रिपाठी ने दुनिया के सबसे बड़े थिएटर फेस्टिवल, भारंगम के आयोजन पर गर्व व्यक्त किया। उन्होंने उत्साहपूर्वक बताया कि इस बार भारंगम में लगभग 1000 नाटक शामिल किए गए हैं, जो इसे अभूतपूर्व बनाता है।यह अब तक का दुनिया का सबसे बड़ा थिएटर फेस्टिवल है। हमने इसमें लगभग 1000 नाटक शामिल किए हैं। भारंगम ने वैश्विक स्तर पर अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाई है। विभिन्न देशों और संस्कृतियों के कलाकारों को एक मंच पर लाकर, यह महोत्सव नाट्य कला के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। एनएसडी सोसाइटी के उपाध्यक्ष प्रो. भारत गुप्त ने अपने संबोधन में राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) की विशिष्ट शिक्षण पद्धति पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि एनएसडी में विविध शैक्षणिक पद्धतियों और अनुभवी चिकित्सकों की विशेषज्ञता का सम्मिलन होता है, जो छात्रों को एक गतिशील और समृद्ध शिक्षण अनुभव प्रदान करता है। भारत रंग महोत्सव के रंग दूत, श्री राजपाल यादव ने इस भव्य आयोजन के प्रति अपना गहरा उत्साह प्रकट किया। अपने संबोधन में राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी ) के प्रति आभार व्यक्त किया और बताया कि कैसे इस संस्थान ने एक कलाकार के रूप में उनके सफ़र को आकार दिया है। उन्होंने भावुक होकर बताया कि एनएसडी  ने रंगमंच की उनकी समझ को गहराई से प्रभावित किया है।


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इस समारोह में प्रसिद्ध अभिनेता और सांसद श्री रवि किशन की उपस्थिति ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ा दी। उन्होंने अपने संबोधन में नाट्य समुदाय के हितों और कल्याण के प्रति अपनी गहरी प्रतिबद्धता व्यक्त की। श्री रवि किशन ने कलाकारों की चुनौतियों और आकांक्षाओं को समझने की बात कही और रंगमंच समुदाय की भलाई और उत्थान के लिए काम करने का संकल्प किया । इस भव्य समारोह का शुभारंभ 'रंग संगीत' नामक एक अद्भुत संगीत कार्यक्रम से हुआ, जिसमें रंगमंच जगत के दो बड़े नामों, वनराज भाटिया और बी.वी. कारंत, द्वारा पिछले साठ वर्षों में रचित श्रेष्ठ संगीत रचनाओं को एनएसडी रिपर्टरी कंपनी द्वारा इस अवसर पर प्रस्तुत किया। इस अवसर पर, माननीय केंद्रीय मंत्री ने एक लाइब्रेरी पोर्टल (http://brm.nsd.gov.in/) और ‘रंग अभिलेख’ भी लॉन्च किया, जो एक डिजिटल संग्रह है जो प्रसिद्ध और अनुभवी थिएटर निर्देशकों द्वारा निर्देशित 25 प्रतिष्ठित नाटकों को संरक्षित और प्रदर्शित करता है। इस डिजिटल पहल का उद्देश्य इन सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण प्रदर्शनों को व्यापक दर्शकों तक पहुँचाना है, यह सुनिश्चित करना है कि भारतीय रंगमंच की समृद्ध विरासत को भविष्य की पीढ़ियों के लिए संरक्षित किया जाए और साथ ही डिजिटल युग में कला के रूप को बढ़ावा दिया जाए। इस शुभ अवसर माननीय मंत्री द्वारा राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के रंग मंडल के 60 वर्ष पुरे होने पर एनएसडी  की पस्तुतियों की एक पुस्तक का भी विमोचन किया गया।  


बीआरएम 2025 में पारंपरिक, लोक, आधुनिक और अंतर्राष्ट्रीय नाट्य प्रस्तुतियों का एक अद्भुत संगम देखने को मिलेगा। ये प्रस्तुतियाँ भारत के 11 शहरों - अगरतला, अहमदाबाद, बठिंडा, भोपाल, बेंगलुरु, दिल्ली, गोवा, गोरखपुर, जयपुर, खैरागढ़ और रांची - में आयोजित की जाएंगी। इसके अतिरिक्त, यह महोत्सव अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहुँच बढ़ाते हुए नेपाल के काठमांडू और श्रीलंका के कोलंबो में भी अपनी छाप छोड़ेगा। दिल्ली में समानांतर आयोजनों की एक श्रृंखला होगी, जिसमें छात्रों द्वारा नुक्कड़ नाटक, लोक संगीत, ओपन माइक आदि शामिल होंगे। बीआरएम 2025 में रंगमंच का जश्न सिर्फ़ नाटकों तक ही सीमित नहीं होगा! यहाँ आपको मिलेगा छात्रों के जोश और उत्साह से भरा 'अद्वितीय 2025'। यह समानांतर महोत्सव एनसडी  के छात्रों को देश भर के विभिन्न विषयों के छात्रों और कलाकारों से जोड़ने का काम करेगा। साहित्य प्रेमियों के लिए 'श्रुति' कार्यक्रम में होंगे पुस्तक लोकार्पण और रोचक चर्चाएँ। और अगर आप खरीदारी के शौकीन हैं, तो आपके लिए है रंगीन और जीवंत 'रंग हाट', जहाँ आपको मिलेंगी कई सारी दिलचस्प

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