सीहोर : हमें भारतीय होने और अपने संविधान पर गर्व : पंडित राघव मिश्रा - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 28 जनवरी 2025

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सीहोर : हमें भारतीय होने और अपने संविधान पर गर्व : पंडित राघव मिश्रा

  • एक शाम शहीदों के नाम कार्यक्रम का आयोजन

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सीहोर। हमें भारतीय होने और अपने संविधान पर गर्व है। हमारा गणतंत्र संविधान के मजबूत बुनियाद पर खड़ा है। हमें संविधान ने पूरा अधिकार दिया है, लेकिन हमें सामाजिक कर्तव्यों के प्रति भी संकल्प लेना चाहिए। आज भारत विश्व स्तर पर सशक्त राष्ट्र के रूप में उभरा है। उक्त विचार शहर के सैकड़ाखेड़ी स्थित वृद्धाश्रम में एक शाम शहीदों के नाम संगीतमय प्रस्तुति के दौरान मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद कथा व्यास पंडित राघव मिश्रा ने कहे। इस मौके पर विशेष अतिथि कथा व्यास शिवम मिश्रा ने कहा कि संगीतमय देश भक्ति कार्यक्रम में देशभक्ति की भावना, संयम का संदेश और सांस्कृतिक सौन्दर्य का अनोखा संगम देखने को मिला। कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि पंडित श्री मिश्रा, आश्रम के संचालक राहुल सिंह, प्रभारी नटवर कुशवाहा, जिला संस्कार मंच की ओर से धर्मेन्द्र माहेश्वरी, मुन डेविड आदि ने भारत माता के चित्र पर  दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम की शुरूआत की।


कार्यक्रम में वृद्धजनों के अलावा यहां पर युवाओं ने लोगों को देश भक्ति, संयम और खुशी के रंग में रंग दिया। मुख्य आकर्षण देशभक्ति गीतों की भावुक प्रस्तुति रही, इसके साथ ही भगोरिया नृत्य में किसानों की खुशी और उल्लास झलका, ए मेरे प्यारे वतन गाने ने दर्शकों की आंखें की नम, देशभक्ति का जगा जज्बा ए मेरे प्यारे वतन की प्रस्तुति ने श्रोताओं को भावुक कर दिया। यह गीत, जो हर भारतीय के दिल के करीब है, मातृभूमि के प्रति प्रेम और समर्पण की भावना को जीवंत करता है। बोलों की मधुर आवाज में प्रस्तुति ने श्रोताओं के मन में देशभक्ति की लहर दौड़ा दी। मंच पर सादगी भरे अंदाज में गाए गए इस गीत ने एक तरफ देशप्रेम की भावना जगाई तो दूसरी ओर विदेश में बसे भारतीयों की मातृभूमि के प्रति लालसा को व्यक्त किया। यहां पर मौजूद गीतकार राजकुमार सेन ने संदेश आते है, गीत के दौरान दर्शकों में गहरी शांति छा गई। कई लोगों की आंखें नम हो गईं। यह गीत विदेश में बसे भारतीयों की मातृभूमि के प्रति भावनाओं को व्यक्त करता है और हर सुनने वाले के दिल में गहरा प्रभाव छोड़ता है। इस गीत की प्रस्तुति ने एक बार फिर साबित कर दिया कि देशभक्ति के सुर हमेशा दिलों को जोड़ने और प्रेरित करने का कार्य करते हैं। जरा हौले-हौले गाड़ी हांको, कबीर गायन ने दिया संयम और धैर्य का संदेश संत कबीर के अमर दोहों और रचनाओं की गूंज आज भी समाज को नई दिशा देने का कार्य करती है।

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