- भागवत कथा के समापन दिवस पर हनुमान फाटक मंदिर परिसर कस्बा में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
- संगीतमय श्रीमद भागवत कथा महापूराण का हनुमान फाटक मंदिर परिसर कस्बा में बुधवार को सातवां दिन
सीहोर। हनुमान फाटक मंदिर परिसर कस्बा में आयोजित संगीतमय श्रीमद भागवत कथा में श्रद्धालुओं के समक्ष कथा व्यास भागवत भूषण पंडित रवि शंकर तिवारी ने सातवें दिन बुधवार को भगवान श्रीकृष्ण विवाह, सुदामा चरित्र और राजापरिक्षित मौक्ष प्रसंग सुनाते हुए कहा की सुखदेव जी जैसा भागवत जी का वक्ता इस संसार में कोई नहीं हो सकता है और तक्षक नाग के कारण मोक्ष को प्राप्त हुए राजा परीक्षित जैसा कोई कथा का श्रौता नहीं हो सकता है इसी प्रकार संत सुदामा जी जैसा कोई मित्र नहीं हो सकता है। पं तिवारी ने कहा की भगवान के भक्त की मौत नहीं होती है उनको मौक्ष मिलता है राजापरिक्षित की मुत्यु नहीं हुई उनको भगवान ने मौक्ष प्रदान किया था क्योंकी राजा परिक्षित ने भागवत कथा को बाबा सुखदेव से एकचित होकर सुना था। सुदामा जी ने श्री कृष्णजी के लिए मित्रता का धर्म निभाया था और शापित चुने उन्होने ग्रहण कर द्वारकाधीश को गरीबी से बचाया था। पंडित तिवारी ने कहा की भगवान श्री कृष्ण ने राक्षस के कारागार से 16 हजार कन्याओंं को रिहा कराया था लेकिन समाज ने उन कन्याओंं को स्वीकार नहीं किया तब कन्याओं ने ही भगवान को पति रूप में स्वीकार किया और भगवान के इस प्रकार पहले आठ और फिर 16 हजार विवाह सम्पन्न हुए। भगवान के लिए राधाजी, रूकमणीजी, शुभद्राजी, प्रहलादजी द्रोपदी,देवकी और ब्रजवासी गोपियां खूब रोई लेकिन भगवान केवल मित्र सुदामा के लिए रोये है। संगीतमय श्रीमद भागवत कथा महापूराण के सातवें दिन बुधवार को मधुर कृष्ण भजनों पर पंडाल में श्रद्धालु झूम उठे। कथा के मुख्य यजवान दीपेंद्र पदम वरैया,हितेंद्र तिवारी,कमलादेवी राजपूत, अशोक राजपूत, राधा राजपूत और नितिन,जानकी,नवजोत गर्विता राजपूत और श्रद्धालुजनों ने भागवत जी का विधिवत पूजन किया। महाप्रसादी के उपरांत कथा का मंगलमय समापन किया गया।
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