- तैयारी, पारदर्शी एवं प्रभावी प्रवर्तन आदि के लिए की जा रही कार्रवाई
सडक दुर्घटनाओं को रोकने हेतु समेकित कार्रवाई
• राज्य में कई ऐसे क्षेत्र हैं जहाँ सड़क दुर्घटनाओं की सम्भावनायें अधिक रहती है। राज्य में सड़क दुर्घटनाओं के आँकड़ों के विस्तृत विश्लेषण के आधार पर ऐसे दुर्घटना संभावित स्थानों को चिन्हित करते हुए राज्य के अन्तर्गत सभी संबंधित हितधारकों यथा राज्य सरकार के अन्तर्गत पथ निर्माण अभियंत्रण, परिवहन, यातायात पुलिस, जिला पुलिस आदि के समेकित प्रयास से संभावित कारणों का वैज्ञानिक निदान करने की दिशा में समेकित प्रयास किया जा रहा है ताकि वहाँ सड़क सुरक्षा हेतु समेकित व्यवस्था/प्रबन्धन करके सड़क दुर्घटनाओं को रोका जा सके।
• उल्लेखनीय है कि विगत दिनांक 04.09.2024 को मुख्य सचिव, बिहार की अध्यक्षता में सभी संबंधित हितधारकों की हुई बैठक में देश के विशेषज्ञ संस्था Institute of Road Traffic Education (IRTE) फरिदाबाद, हरियाणा के विशेषज्ञ डा० रोहित बालुजा द्वारा यातायात सर्वेका Project Report प्रस्तुत किया गया, जिसके आधार पर Actionable Points चिन्हित किया गया। इस बैठक में बिहार राज्य अन्तर्गत पटना शहर का एक Stretch और राष्ट्रीय राज्य मार्ग का एक Stretch पटना-मुजफ्फरपुर के 50 किलोमीटर को सडक अभियंत्रण एवं यातायात अभियंत्रण के दृष्टिकोण से मॉडल Stretch के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया गया। इसका मुख्य उद्देश्य सुरक्षित एवं सुगम यातायात सुनिश्चित करना है। इसके लिए तीन प्रमुख हितधारकों यथा सड़क अभियंत्रण, पुलिस एवं परिवहन के चिन्हित पदाधिकारियों को तीन दिनों का TOT प्रशिक्षण कराया गया और उस टीम से पटना शहर अन्तर्गत शहर का स्ट्रेच पर (नेहरू पथ, करबिगहिया, गोरैया टोली, जी०पी०ओ० गोलम्बर, अटल पथ, गंगा पथ एवं नेहरू पथ) यातायात सर्वे सम्पन्न कराया जा रहा है।
• इसी कड़ी में माह जनवरी 2025 के द्वितीय तृतीय सप्ताह में पटना-मुजफ्फरपुर में 50 किलोमीटर राष्ट्रीय राज्य मार्ग का अभियांत्रिकी (सड़क / यातायात) समाधान किया जायेगा। तत्पश्चात इसे मॉडल के रूप में विकसित किया जाना है। इस मॉडल को सम्पूर्ण बिहार के सड़को हेतु Replicate किया जायेगा।
पारदर्शी एवं प्रभावी यातायात प्रवर्तन
• राज्य के यातायात व्यवस्था में पारदर्शी एवं प्रभावी प्रवर्तन के लिए ई-डिटेक्शन पोर्टल, हैंड हेल्ड डिवाइस (HHD) एवं बॉडी वॉर्न कैमरे की सहायता से कार्रवाई की जा रही है। न्यूनत्तम मानवीय हस्तक्षेप और साक्ष्य आधारित कार्रवाई के कारण चालान प्रक्रिया के दौरान मिलने वाली शिकायतों में काफी कमी आई है। साथ ही सरकार के राजस्व में भी वृद्धि हुई है।
• बिहार राज्य में नवम्बर 2023 के बाद से यातायात नियमों के उल्लंघन पर मैनुअल चालान की प्रक्रिया पूर्णतः बंद कर दी गई है और यातायात नियमों को तोड़ने वालों के विरूद्ध प्रवर्तन की कार्रवाई हैंड हेल्ड डिवाइस (HHD) के माध्यम से फोटोग्राफिक / वीडीयोग्राफिक प्रमाण के साथ साक्ष्य आधारित पारदर्शी तरीके से की जा रही है। फोटोग्राफी / वीडीओग्राफी प्रमाण पत्र पर प्रवर्तन का स्थान (अक्षांश-देशान्तर के साथ), तिथि एवं समय का स्टैम्पिंग रहता है।
• वहीं, ऐसी भी सूचना मिल रही है कि कतिपय पुलिस कर्मियों के द्वारा अपने निजी मोबाइल से फोटो खींचकर HHD के माध्यम से चालान की प्रकिया की जा रही है जिसमें अक्षांश-देशान्तर का Stamping नहीं होता है। अतः पारदर्शी एवं प्रभावी प्रवर्तन सुनिश्चित करने हेतु बिहार पुलिस मुख्यालय के यातायात इकाई से सभी वरीय / पुलिस अधीक्षकों को यह निर्देशित किया गया है कि मोबाईल से ली गई फोटो से HHD के माध्यम से चालान की प्रक्रिया अविलम्ब बंद की जाये। वहीं ऐसा किये जाने की कोई सूचना पाये जाने पर संबंधित पदाधिकारियों / कर्मियों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई भी की जायेगी।
तीन या उससे अधिक बार यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर चालक अनुज्ञप्ति को निलंबित / रद्द करने का प्रस्ताव
यातायात नियमों को आदतन तोड़ने वालों के विरूद्ध प्रवर्तन की कार्रवाई को प्रभावी बनाने के लिए राज्य में यातायात नियमों के उल्लघंन के आँकड़ों के विस्तृत विश्लेषण के आधार पर लगभग 10,000 से अधिक ऐसे वाहन चालकों को चिन्हित किया गया है, जिनके द्वारा तीन या उससे अधिक बार यातायात नियमों का उल्लंघन किया गया है। ऐसे सभी मामलों में उल्लंघन करने वाले के चालक अनुज्ञप्ति को नियमानुसार निलंबित / रद्द करने का प्रस्ताव संबंधित जिला पुलिस द्वारा संबंधित अनुज्ञापन प्राधिकार (जिला परिवहन पदाधिकारी) को भेजा गया है।
यातायात व्यवस्था का निरन्तर सुदृढीकरण
साथ हीं राज्य के यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए यातायात पुलिस बलों की संख्या में वृद्धि लगातार की जा रही है। सूचित है कि इस हेतु पूर्व में कुल 10 हजार 332 पदों की स्वीकृति राज्य सरकार द्वारा दी गई थी। वहीं, पूर्व से 12 जिलों में स्वीकृत यातायात बलों के अतिरिक्त राज्य के अन्य 28 जिलों में यातायात थानों हेतु 4,215 पद और हाइवे पेट्रोलिंग योजना के लिए कुल 1.560 यातायात बलों की स्वीकृति राज्य सरकार द्वारा दी गई थी। साथ हीं पटना जिले में 1,807 अतिरिक्त यातायात बलों की स्वीकृति राज्य सरकार द्वारा दी गई थी।
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