सीहोर : भगवान तो भाव के भूखे है,भक्त को पकड़ लेते है तो फिर छोड़ते नही है : पं तिवारी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 6 जनवरी 2025

सीहोर : भगवान तो भाव के भूखे है,भक्त को पकड़ लेते है तो फिर छोड़ते नही है : पं तिवारी

  • संगीतमय श्रीमद भागवत कथा महापूराण का हनुमान फाटक मंदिर परिसर कस्बा में सोमवार हुआ को पांचवा दिन  

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सीहोर। हनुमान फाटक मंदिर परिसर कस्बा में चल रही संगीतमय श्रीमद भागवत कथा के पांचवे दिन सोमवार को भागवत भूषण पंडित रवि शंकर तिवारी ने कहा की गाय में स्वयं 33 करोड़ देवी देवताओं का वास होता है। कंस से छुपकर भगवान का नामकरण संस्कार गर्गाचार्य ऋषि ने नंदबाबा यशोधा के साथ गोकुल की गौशाला में किया था जिस से बचपन से ही गौभक्ति के संस्कार बालगोपाल में आ गए थे। किन्तू अब होटलों में बच्चों के नामकरण संस्कार कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है जहां से बच्चों को केवल कुसंस्कार ही मिल रहे है। गौशाला में बच्चों का नामकरण संस्कार होगा तो बच्चों में प्रभू भक्ति स्वयं ही प्रगट होगी।


दूध पीते पीते हरने लगे पूतना के प्राण

पूतना वध प्रसंग सुनाते हुए पंडित तिवारी ने कहा की भगवान जिस को एक बार पकड़ लेते है फिर उसे छोड़ते नहीं है पूतना राक्षसी ग्वालान का रूप रखकर कन्हैया को जहरीला दुध पिलाकर मारने के लिए पहुंची थी लेकिन जब भगवान दूध पीते पीते पूतना के प्राण हरने लगे तो पूतना छोड़ों छोडों चिल्लाने लगी लेकिन ने भगवान ने पूतना को बैंकुंड भेजकर उसका उद्धार करा दिया था। भगवान का नाम शस्त्रुरता पूर्वक लेने वाले में प्रभू के प्रिय हो जाते है। भगवान शिव भी प्रभू के दर्शनों के लिए गोकुल में पहुंचते है लेकिन यशोदा बाबा बने शिव को दर्शन करने नहीं देती है यहां भगवान लीला करते है और शिव बाबा भी कन्हैया के दर्शन कर निहाल हो जाते है। यशोदा गाय की पूछ से कन्हैया की नजर उतारती है गाय माता का सनातन धर्म में अति महत्व है।


सूमंत ने मरा मरा जपा फिर कल्याण हुआ

राम से बढ़ा राम का नाम प्रंसग सुनाते हुए पंडित रवि शंकर तिवारी ने कहा की वरिष्ठ ऋषियों की सभा में नारदजी के कहने पर रामजी के मंत्री सुमंत ऋषि विश्वामित्र के चरण स्पर्श नहीं करते है जिस से विश्वामित्र स्वयं को अपमानित मानते है और राजाराम को सुमंत के द्वारा की गई गलती को बताते है तब रामजी सुमंत को प्राण दंड देने के लिए निकल पड़ते है। सुमंत अब नारद को तलाशते है नारद मिलने के बाद माता अंजनी की शरण में जाने के लिए सुमंत से कहते है हनुमान जी सुमंत की रक्षा करने के बात अंजनी माता से कहते है तब हुनमानजी सुमंतजी को पहाड़ी की गुफा में पहुंचकर राम राम जपने के लिए कहते है लेकिन भय के कारण सुमंत मरा मरा जपते है और रामचंद्रजी उनको रामनाम के कारण क्षमादान देते है।


प्रभू गोपियों के संग खेलते है होली

भगवान की बाल लीलाऐं सुनाते हुए पं तिवारी ने कहा की भगवान को मारने के लिए कंस ने अनेक राक्षसों भेजा,भगवान ने सभी राक्षसों का वध किया इस दौरान माखन चोरी, गोप गोपियों के संग होली,रासलीला, राधाजी का प्रेम, गोपी पदमावति कथा, भगवान के माखन खाने पर घंटियों का बजना जैसे अनेक प्रसंग गोकुल में हुए। बालगोपाल बने बच्चों के द्वारा माखन मिश्री से भरी मटकियां को फोड़ा गया। पंडाल में हर्षोउल्लास का भक्तिमय माहौल बना रहा। मुख्य यजवान दीपेंद्र पदम वरैया,हितेंद्र तिवारी,कमलादेवी राजपूत, अशोक राजपूत, राधा राजपूत और नितिन,जानकी,नवजोत गर्विता राजपूत और श्रद्धालुजनों ने भागवत जी का विधिवत पूजन किया। कथा प्रतिदिन दोपहर एक बजे से शाम चार बजे तक हो रहीे है।  

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