- माता पिता की सेवा करने वाले बेटा बेटी तार देते है दो परिवारों की सात पीढिय़ां : पं तिवारी
- जहर का घूट पी लेना पर माता पिता का अपमान मत करना, श्री कृष्ण का जन्मउत्सव हर्षोउल्लास के साथ मनाया गया
कंस कथा सुुनाते हुए पं तिवारी ने कहा की कंस जैसे पापी ने देवकी की सात संतानों को मार दिया आठवे पुत्र के रूप में भगवान श्रीकृष्ण ने कारागार में जन्म लिया। भगवान ने अपने जन्म से लेकर मरण तक दुुख झेले और भक्त कुछ ही दुख में डरने लगते है रामजी ने भी अपने जीवन काल में संकटों का सामना किया लेकिन अपने कार्य से विमुुख नही ंहुए। समृद्र मंथन प्रसंग श्रद्धालुओं के समक्ष रखते हुए पं तिवारी ने कहा की समुद्र मंथन में अमृत निकलने से पहले से हाथी घोडे, गाय, चौदह रत्त्न निकले देवता और दानवों से यह आपस में बांट लिए लेकिन जहर लेने को कोई तैयार नहीं हुआ भगवान भोलेनाथ ने संसार और देवी देवताओं दानवों को जहर से बचाने के लिए हलाहल जहर कंठ में ग्रहण कर लिया इस लिए भगवान भोलेनाथ नीलकंठ भी कहलाऐं। अमृत निकला तो सब देवता दानव आपस में अमृत के लिए लडऩे लगे लेकिन भगवान नारायण ने मोहनी रूप रखकर अमृत को दाववों से बचा लिया। हमें भी संसार में रहकर लडऩा नही चाहिए जहर का घूटपीकर शांति समरसता और एकता के साथ जीना चाहिए। कथा स्थल पर श्रद्धालुओं के द्वारा भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मानाया गया भगवान का जन्म होते ही पंडाल में आनंद आ गया प्रसाद का वितरण किया गया।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें