स्वतंत्रता आंदोलन से समृद्ध सीहोर नगर में भी अंग्रेजी शासन काल के दौरान अंग्रेजों के खिलाफ अनेक आंदोलन हुए थे। भारतीय इतिहास में सन् १८५७ में पहला स्वतंत्रता आंदोलन हुआ था। इसी आंदोलन में सीहोर नगर की तत्कालीन सैनिक छावनी के सैनिकों ने भी अंग्रेजी शासन के खिलाफ विद्रोह का बिगुल फूंकते हुए सीहोर छावनी को आजाद घोषित कर दिया था और नगर में सिपाही बहादुर सरकार की स्थापना कर दी गई थी। १४ जनवरी १८५८ को स्वतंत्रता आंदोलन करने वाले यह सैनिक अंग्रेजों के खिलाफ लोहा लेते हुए देश के लिये शहीद हो गये थे। प्रतिवर्ष १४ जनवरी को शहीद सिपाहियों की सैकड़ाखेड़ी मार्ग स्थित समाधियों पर पुष्पांजली का कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। जिसमें नगर के सम्मानीय नागरिकगण भी उपस्थित होते हैं। शहीद सिपाही बहादुर स्मारक निर्माण समिति ने नगर के सभी वर्गों के लोगों, राजनैतिक, अराजनैतिक युवा वर्ग से निवेदन किया है कि वह बड़ी संख्या में १४ जनवरी को प्रात: १०.३० बजे सैकड़ाखेड़ी मार्ग पर अपने शहीदों को सच्ची श्रद्धांजली देने पहुँचे। समिति ने नगर के सभी शासकीय-अशासकीय विद्यालयों से भी कहा है कि वह अपनी संस्था के विद्यार्थियों को यहाँ अवश्य लायें।
सीहोर 10 जनवरी (रजनीश के झा)। नगर में सैकड़ाखेड़ी मार्ग पर स्थित शहीदों के समाधि स्थल पर आगामी १४ जनवरी मंगलवार को पुष्पांजली समारोह का आयोजन किया गया है। भारतीय इतिहास की प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई में शहीद हुए सैनिकों की समाधि स्थल पर प्रात: १०.३० बजे पुष्पांजली कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा। शहीद सिपाही बहादुर स्मारक निर्माण समिति के अध्यक्ष ओमदीप महामंत्री आनन्द गॉधी ने नगर के सभी वर्ग के लोगों से इस दिन बड़ी संख्या में समाधी स्थल पर पहुँचकर अपने स्वतंत्रता संग्राम सैनानियों का स्मरण करने का आव्हान किया है।
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