PK की गिरफ्तारी पर जन सुराज का नीतीश सरकार पर बड़ा आरोप - बिना कस्टडी का कागज लिए प्रशांत किशोर को बेऊर जेल ले गई पुलिस, वहां जेल अधीक्षक ने बिना कागज उन्हें अंदर रखने से मना कर दिया
अधिवक्ता अमित कुमार ने बताया कि ये आश्चर्यजनक है कि जब प्रशांत किशोर को कोर्ट परिसर से निकाला गया, और बेऊर जेल की ओर ले गएं तब कोर्ट के अंदर हियरिंग चल ही रही थी। बिना कस्टडी के कागज लिए इन्होंने प्रशांत किशोर को बेऊर जेल ले जाना चाहा। वो तो जेल अधीक्षक ने बिना कस्टडी कागज के उन्हें अंदर रखने से मना कर दिया। अधिवक्ता अमित कुमार ने बताया कि जिन धाराओं पर केस दर्ज किया गया है वह चौंकाने वाला है बीएनएस धारा 190, 191 (2), (3) और 223 सभी के सभी जमानती धाराएं हैं, लेकिन ये हास्यास्पद है कि 191(3) यह धारा दंगा करने का दोषी, यह घातक हथियार रखने पर लगाया जाता। वहां पर किसी बच्चे के हाथ में एक छड़ी तक नहीं थी, कम्बल और मफलर को बिहार पुलिस हथियार मानती है तो बिहार पुलिस गजब है, ये सत्याग्रह था, यह किस तरह से उपद्रवी हो गया। अधिवक्ता अमित कुमार ने प्रशांत किशोर के जमानती PR बॉन्ड में लिखे हुए 4 पॉइंट्स बताए और उन्होंने बोला आप तय कीजिए ये तथ्य हैं या सत्य और :–
1–मैं इस केस में अभियुक्त हूं।
2–इस कोर्ट के द्वारा मुझे जमानत पर मुक्त्त किया जा रहें।
3–मैं पुलिस का सहयोग करूंगा अगर ट्रायल चलेगा तो मैं कोर्ट में अपीयर हूंगा।
4–अगर मैं ट्रायल नहीं फेस करूंगा और सहयोग नहीं करूंगा तो 25000 देना होगा।
और सबसे बड़ी बात FIR गांधी मैदान थाना में हुआ था, और उन्हें गांधी मैदान थाने में क्यों नहीं ले जाया गया। बेऊर जेल ले गए, जब भीड़ नहीं संभाली गई तो माइक प्रशांत किशोर को ही थमा दिया गया, उसके लिए अपने एक और FIR तक कर दिया। पुलिस ये क्यों नहीं बताते कि किस ऑथोरिटी से उन्हें बेऊर जेल लेकर गई। हमें पुलिस के द्वारा कोई कागज नहीं दिया गया। पुलिस ने सिर्फ पुलिस ने झूठ का कलिंदा बनाया है
प्रशांत किशोर और छात्रों को गिरफ्तार करने आई पुलिस के किसी अफसर रैंक और आइकार्ड नहीं था, पुलिस ने अपनी आइडेंटिटी क्यों छुपाई, क्या वो कुछ साजिश करने आए थे: आनंद मिश्रा
आनंद मिश्रा ने पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाए उन्होंने बताया किसी को नहीं पता था वे लोग प्रशांत किशोर को कहां ले कर जा रहे है तब मैं पीछे गया और मैने देखा कि किसी पुलिस अफसर के वर्दी पर नाम प्लेट नहीं था, रैंक नहीं था किसी ने कैप तक नहीं लगाया था। बिहार पुलिस के नाम पर बहरूपिया हो क्या पता, किसी ने अपनी आइडेंटिटी तक नहीं बताई। ऐसा बरताव किसी आतंकी के साथ भी नहीं होता। आगे आनंद मिश्रा ने कहा कि मैं डीजीपी से आग्रह करता हूं, कम से कम बेसिक गाइडलाइंस फॉलो कीजिए डीके बासु गाइडलाइंस साफ कहती है अपना आइडेंटिटी बताना होता है। वहां पर कोई अपना रैंक नहीं बता रहा, जब मैने गाइडलाइंस याद दिलाया फिर उन्होंने बस अपना रैंक बताया। यह पूरी तरह से गैरकानूनी डिटेंशन किया गया था। बिहार पुलिस डीके बासु गाइडलाइंस को फॉलो करने में फेल हो गई, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने कहा है फॉलो करने।
पुलिस ने AIIMS प्रशासन और डॉक्टरों पर बिना कागज के प्रशांत किशोर का मेडिकल कराने का दबाव डाला, लेकिन उन्होंने मना कर दिया: किशोर कुमार
प्रवक्ता किशोर कुमार मुन्ना ने बताया सुबह 4 बजे बड़े संख्या में पुलिस आती है और प्रशांत किशोर को जबरन तरीके से उठाती है और AIIMS लेकर जाती है। वहां जाकर एम्स प्रशाशन और डाक्टर को दबाव दिया जाता है प्रशांत जी को एडमिट करने के लिए। लेकिन AIIMS प्रशाशन बिना कागजात उन्हें भर्ती करने से मना कर देती है।
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