- आरएसएस प्रमुख का बयान संविधान पर आक्रमण, वे बहुजनों और गरीबों को फिर गुलाम बनाना चाहते हैं : राहुल गांधी
रैली को संबोधित करते हुए नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा-आरएसएस संविधान को कमजोर और खत्म करने में लगे हैं। भाजपा ने लोकसभा चुनाव में भी कहा था कि अगर 400 सीटें आ गईं तो संविधान बदल देंगे। कुछ दिन पहले आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि हिंदुस्तान को 15 अगस्त 1947 को आजादी नहीं मिली, वो झूठी आजादी थी। उनका ये बयान सीधा संविधान पर आक्रमण है। भाजपा-आरएसएस के लोग पिछड़ों, आदिवासियों, बहुजनों और गरीबों से उनके अधिकार छीनकर उन्हें दबाना चाहते हैं। राहुल गांधी ने आगे कहा कि आजादी के बाद संविधान बना तो देश में सभी को अधिकार मिले। संविधान में लिखा है कि हिंदुस्तान के सभी नागरिक एक समान हैं। लेकिन नरेंद्र मोदी दो-तीन अरबपतियों को सभी कॉन्ट्रैक्ट और हिंदुस्तान का पूरा धन सौंप रहे हैं। भाजपा-आरएसएस के लोग आजादी के पहले जैसा हिंदुस्तान चाहते हैं, जहां आम लोगों को कोई अधिकार न हों, सिर्फ अडानी-अंबानी जैसे अरबपतियों के पास सारे अधिकार हों। राहुल गांधी ने देश में नोटबंदी और गलत जीएसटी लागू करने को लेकर भी भाजपा सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि इन दोनों जनविरोधी फैसलों ने लाखों लोगों को रोजगार देने वाले छोटे और मध्यम व्यवसायों को खत्म कर दिया। आज देश में युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहे। राहुल गांधी ने कहा कि कहा कि आरएसएस-भाजपा के लोग राम मंदिर के उद्घाटन को सच्ची आजादी बता रहे हैं, लेकिन उस कार्यक्रम में एक भी गरीब, किसान, मजदूर, पिछड़े वर्ग का व्यक्ति नहीं दिखाई दिया। यहां तक कि देश की आदिवासी राष्ट्रपति को भी न तो राम मंदिर के उद्घाटन और न ही नई संसद के उद्घाटन समारोह में जाने दिया गया। उन्होंने आगे कहा कि देश की सबसे बड़ी कंपनियों के मालिकों और मैनेजमेंट टीम में दलित, पिछड़े, आदिवासी वर्ग के लोग नहीं हैं। नरेंद्र मोदी खुद को ओबीसी कहते हैं, लेकिन आज तक देश के पिछड़े वर्ग को यह नहीं मालूम कि इस देश में उसकी कितनी आबादी है। ये दलितों,आदिवासियों और पिछड़ों के साथ अन्याय है। कांग्रेस की सरकार आते ही देश में जातिगत जनगणना कराई जाएगी। इस क्रांतिकारी निर्णय के बाद देश की 90 प्रतिशत आबादी को पता लग जाएगा कि देश के संस्थानों में किस वर्ग की कितनी भागीदारी है। साथ ही उन्होंने कहा कि आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा भी हटाई जाएगी।
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