जीतेगा तू ही, खुद पर यह विश्वास रख,
निराशा को दूर हौसलों को पास रख,
अच्छाइयों में आस खुद के पास रख,
जीतेगा तू ही, यह खुद पर विश्वास रख,
पीछे न देख मुड़ के, तू कदमों को आगे बढ़ा,
देगा न साथ कोई तुझे, रहेगा तू अकेले खड़ा,
मानेगी लोहा दुनिया भी, जब रहेगा तू डटा,
लड़ेगा तो ही जीतेगा, यह तू एहसास रख,
जीतेगा तू ही, यह खुद पर विश्वास रख,
वक्त की मार है, बस इसे तू झेल जा,
यह खेल तेरा है, बिना डरे तू खेल जा,
गिर कर उठना सीख और भाग के दिखा,
लोगों को जीने का एक नया तरीका सिखा,
सब खो जाने पर कुछ मिल जाने की आस रख,
जीतेगा तू ही यह खुद पर विश्वास रख...
कविता रावल
गनीगांव, गरुड़
उत्तराखंड
चरखा फीचर्स
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