जकड़ी हूं या सजी हूं, क्या राज़ हूं मैं,
दुनिया की नज़रों में आज क्या हूं मैं?
चूड़ी, कंगन और पायल क्या है?
ये मेरे शृंगार हैं या हथकड़ियां हैं?
मुझे है दुनिया से एक सवाल,
क्यों है ये श्रृंगार मेरे लिये आज?
दुनिया जिसे समझती है सुंदरता,
बन न जाए नारी के लिए बाधा आज,
श्रृंगार के नाम पर उस पर ज़ुल्म क्यों?
हथकड़ी तोड़ उठाती है वह आवाज़,
सुंदरता नहीं, दक्षता है उसका राज़,
अब नहीं करना है उसे कोई शृंगार॥
प्रिया
कक्षा-9
सुराग, गरुड़
उत्तराखंड
चरखा फीचर्स
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