कविता : क्या है नशा? - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 28 फ़रवरी 2025

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कविता : क्या है नशा?

अरे अरे वो देखो…

कोई नशा करता नजर आ रहा है,

क्यों उलझन पैदा करते हो?

मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है,

हमें गंदी स्मेल लग रही है,

वो तो कब से पिये जा रहा है,

मत करो ना ऐसा तुम,

क्यों इसके पीछे मरते हो?

एक ही तो जीवन है तुम्हारा?

कैसे उसको बर्बाद करते हो?

तुम भी किसे कहती हो?

उसे कुछ समझ नहीं आ रहा है,

तम्बाकू और नशे के सामने,

उसको कहां कुछ नजर आ रहा है,

याद रखो, यह एक बुरी आदत है,

जीवन इससे तुम्हारा ख़राब होता है,

क्या तुम्हें कुछ समझ में आ रहा है॥




SHERIYA%20JOSHI


श्रेया जोशी

उम्र-17

कपकोट, उत्तराखंड

चरखा फीचर्स

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