गाजियाबाद : मेवाड़ में समारोहपूर्वक मनाई गई महर्षि दयानंद जयंती - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 22 फ़रवरी 2025

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गाजियाबाद : मेवाड़ में समारोहपूर्वक मनाई गई महर्षि दयानंद जयंती

  • स्वतंत्रता संग्राम के जनक थे महर्षि दयानंद : डॉ. गदिया
  • विद्यार्थियों ने महर्षि दयानंद के जीवन व आदर्शों पर डाला प्रकाश

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गाजियाबाद (रजनीश के झा)। मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डॉ. अशोक कुमार गदिया ने विवेकानंद सभागार में कहा कि भारत देश में स्वतंत्रता संग्राम के जनक महर्षि दयानंद थे। स्वतंत्रता संग्राम में स्वामी दयानंद का योगदान अतुलनीय है। उन्होंने कहा कि महर्षि दयानंद के विचार आज भी प्रासंगिक हैं। इन्हें अमल में लाना होगा। इन्हें अमल में लाने पर ही विश्व में व्याप्त तमाम विवादों और पाखंडों से बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि स्वामी दयानंद रचित ‘सत्यार्थ प्रकाश’ पुस्तक लोग एक बार जरूर पढ़ें। इससे आपका आध्यात्मिक व आंतरिक विकास होगा और आप श्रेष्ठ जीवन जीने के हकदार बनेंगे।


उन्होंने महर्षि दयानंद के जीवन चरित्र और उनके आदर्शों पर विस्तार से प्रकाश डाला। डॉ. गदिया ने कहा कि आज भी हम कुरीतियों, अंध विश्वास व रुढ़ परम्पराओं में जकड़े हुए हैं। आज भी थोथे कर्मकांड के हम शिकार हैं। वर्ण व्यवस्था आज भी कायम है। वर्ष 1875 में आर्य समाज की स्थापना के समय महर्षि दयानंद ने हरिद्वार में पाखंड खंड खंडिनी पताका गाड़कर सभी विद्वानों को शास्त्रार्थ की चुनौती दी। इसमें उन्होंने तमाम अंध विश्वासों व विरोधों को समाप्त कर स्त्री शिक्षा पर जोर दिया। वर्ण व्यवस्था, अंधविश्वास, रुढ़ परम्परा, लोभ, मोह आदि का त्याग करने की बात कही। डॉ. गदिया ने कहा कि स्वामी दयानंद महिलाओं के विकास के प्रबल पक्षधर थे। मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस की निदेशिका डॉ. अलका अग्रवाल ने कहा कि विद्यार्थी महापुरुषों की जयंतियों से प्रेरणा लें। 200 साल बाद भी जो कुरीतियां आज भी जीवित हैं उनका समूल नाश होना चाहिए। तभी नये और संगठित राष्ट्र की कल्पना की जा सकती है। स्वामी दयानंद ने कर्म को प्रधानता दी। वेदों की ओर लौटने का अभियान चलाया। 200 साल बाद भी उनके विचार आज भी प्रासंगिक हैं। समारोह की शुरुआत मां सरस्वती, भारत माता व स्वामी दयानंद सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप जलाकर व पुष्प अर्पित करके हुई। इस मौके पर प्राची, अनिकेत, नेहा, संजना, खुशी, प्रियंका, अनिरुद्ध एंड ग्रुप आदि विद्यार्थियों ने सरस्वती वंदना, भजन, समूह गान, सम्भाषण, आर्य समाज के नियम, दयानंद के प्रवचन, स्लोगन आदि प्रस्तुत कर सबका मन मोह लिया। सफल संचालन डीएलएड की विद्यार्थी आयुषी ने किया।

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