पटना : नारी शक्ति की दुहाई देने वाले प्रधानमंत्री स्नेहा कुशवाहा बलात्कार-हत्याकांड पर चुप क्यों : माले - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

सोमवार, 24 फ़रवरी 2025

demo-image

पटना : नारी शक्ति की दुहाई देने वाले प्रधानमंत्री स्नेहा कुशवाहा बलात्कार-हत्याकांड पर चुप क्यों : माले

  • प्रधानमंत्री को पता होना चाहिए कि एपीएमसी ऐक्ट खत्म करने वाला पहला राज्य बिहार है।
  • भूमि अधिग्रहण में मुआवजे की मांग कर रहे किसानों के प्रति सरकार का रवैया है घोर दमनात्मक।
  • भा.ज.पा.-जदयू शासन में चीनी मिल सहित सभी उद्योग बंद हो चुके हैं।

FB_IMG_1740420868490
पटना, 24 फरवरी (रजनीश के झा)। भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा देश में महिलाओं की स्थिति में सुधार और नारी शक्ति के बढ़ते उत्थान का उल्लेख किए जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को बनारस में घटित स्नेहा कुशवाहा बलात्कार-हत्याकांड पर भी बिहार की जनता को सच्चाई बतानी चाहिए थी। इस मामले में यूपी और बिहार दोनों सरकारों ने पूरी तरह से चुप्पी साध रखी है। यह कैसी नारी शक्ति का उत्थान है जिसमें एक पिछड़े समुदाय से आने वाली छात्रा के साथ बलात्कार होता है और फिर उसकी हत्या कर दी जाती है? आज तक सरकार ने इस मामले पर कोई बयान तक नहीं दिया। हाल के दिनों में यूपी और बिहार में महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा की कई घटनाएं सामने आई हैं। क्या प्रधानमंत्री को ये घटनाएं दिखाई नहीं देतीं?


उन्होंने सवाल किया कि प्रधानमंत्री मोदी ने किसान कल्याण योजना की बात की, लेकिन क्या उन्हें यह नहीं पता कि एपीएमसी ऐक्ट को खत्म कर बिहार पहला राज्य था, जिसने किसानों को पूरी तरह से बाजार के हवाले कर दिया? भाजपा-जदयू शासन ने किसानों के साथ सिर्फ मजाक किया है। भूमि अधिग्रहण के खिलाफ आज राज्यभर में किसान आंदोलित हैं और वे 2013 की दर से मुआवजे की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी मांगों को पूरी तरह से नजरअंदाज कर रही है। सिवान में राम जानकी पथ, जहानाबाद में भारत माला, बक्सर, पटना जिले के बिहटा, नवादा समेत कई स्थानों पर किसान आंदोलित हैं, लेकिन सरकार के पास उनकी समस्याओं को सुनने का समय तक नहीं है। कुणाल ने कहा कि भाजपा-जदयू शासन के दौरान चीनी मिलों सहित सभी बड़े उद्योग बंद हो चुके हैं। लोग अब पलायन करने को मजबूर हैं। 95 लाख परिवार केवल 6 हजार रुपये मासिक पर जीवन जीने को बाध्य हैं। जीविका, आशा-रसोइया, आंगनबाड़ी और स्कीम वर्करों के साथ सरकार का अन्याय भी जगजाहिर है। लाखों सरकारी पद खाली पड़े हैं, लेकिन सरकार इन मुद्दों पर कोई ध्यान नहीं दे रही। उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में दलितों, गरीबों और महिलाओं पर बढ़ती हिंसा चिंता का विषय है। भाजपा-जदयू शासन के सारे दावे और नरेटिव पूरी तरह से विफल हो चुके हैं। बिहार को अब प्रधानमंत्री मोदी के झांसे की जरूरत नहीं है, बल्कि यहां बदलाव की आवश्यकता है। और बिहार की जनता ने इस बार बदलाव का मन बना लिया है। आगामी 2 मार्च को पटना के गांधी मैदान में राज्य की सभी संघर्षशील ताकतों का महाजुटान होगा।

कोई टिप्पणी नहीं:

undefined

संपर्क फ़ॉर्म

नाम

ईमेल *

संदेश *