वाराणसी : बाप-दादा के कातिल को मारने वाला 5 हत्यारोपी चढ़ा पुलिस के हत्थे - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 6 फ़रवरी 2025

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वाराणसी : बाप-दादा के कातिल को मारने वाला 5 हत्यारोपी चढ़ा पुलिस के हत्थे

  • राजेंद्र गुप्ता परिवार को गोलियों से भूनकर दी थी घटना को अंजाम, चाचा-चाची और 3 बच्चों की हत्या के बाद से था फरार
  • 25 साल पुराना था दर्द, अब महसूस कर रहा सुकून, आरोपी विक्की व उसके भाई पर था एक लाख का इनाम, वारदात के 90 दिन बाद पुलिस के हाथ लगे है दोनों आरोपी, पांच लोगों की हत्या का है आरोप

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वाराणसी (सुरेश गांधी) । शहर के भदैनी में पांच लोगों की हत्या का आरोपी विशाल गुप्ता उर्फ विक्की गुरुवार को पुलिस के हत्थे चढ़ गया। पुलिस ने तमाम प्रयासों के बाद भदैनी हत्याकांड के आरोपी एक लाख के इनामी को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि विशाल गुप्ता उर्फ विक्की ने 5 नवंबर 2024 को भेलूपुर क्षेत्र के भदैनी इलाके में अपने चाचा राजेंद्र गुप्ता, उनकी पत्नी और तीन बच्चों की गोली मारकर बेरहमी से हत्या कर दी थी. उसके बाद से ही वह फरार चल रहा था. पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई थी. अब उसे सफलता मिली है. वाराणसी पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने बताया कि वाराणसी के भदैनी क्षेत्र में दर्दनाक हत्याकांड मामले में दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है. दोनों आरोपी परिवार के ही सदस्य हैं जिन्होंने अपने चाचा और उनके परिजनों की हत्या कर दी. दो अभियुक्तों में से एक का नाम विशाल गुप्ता उर्फ विक्की और दूसरा उसका भाई प्रशांत गुप्ता बताया जा रहा है. आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि इस हत्याकांड में मृतक राजेंद्र गुप्ता ने 25 साल पहले उनके पिता और दादा की हत्या कर दी थी. इसके बाद चाचा राजेंद्र गुप्ता मानसिक और शारीरिक रूप से उन्हें प्रताड़ित करता था, उनके व्यवहार से वह काफी परेशान था. इससे तंग आकर नवंबर 2024 से 2 साल पहले ही राजेंद्र गुप्ता और उसके परिवार को मारने की योजना बनाई गई. विशाल गुप्ता उर्फ विक्की ने ही राजेंद्र गुप्ता उसकी पत्नी और अन्य 3 सदस्यों को गोली मारा था, जबकि उसके भाई प्रशांत गुप्ता ने इस घटना में आर्थिक रूप से विशाल को मदद की थी. पुलिस कमिश्नर ने बताया कि पुलिस से बचने का यह दोनों हर हथकंडा अपना रहे थे. इनका कोई आपराधिक इतिहास नहीं था लेकिन आईटी सेक्टर और पढ़ाई लिखाई में बेहतर होने की वजह से यह अलग-अलग शहरों में ठिकाना ले रहे थे. आज जब यह वाराणसी पहुंचे तो पुलिस टीम ने इन्हें दबोच लिया. आरोपियों को गिरफ्तार करने वाली वाराणसी पुलिस की टीम को सीपी मोहित अग्रवाल ने 1 लाख रुपये इनाम देने की घोषणा की है. पुलिस के मुताबिक शक के घेरे में आए बड़े भतीजे विशाल गुप्ता उर्फ विक्की के छोटे भाई प्रशांत गुप्ता उर्फ जुगनू ने परिवार के बारे में अहम जानकारियां दी थी। उसी के निशानदेही पर पुलिस ने आरोपी विक्की और उसके भाई को जुगनू को गिरफ्तार कर लिया है। जुगनू ने पुलिस को बताया कि उसके पिता कृष्णा और मां बबिता की हत्या बड़े पापा राजेंद्र ने गोली मार कर कराई थी। मां-बाप का केस खत्म हो गया तो विक्की अकसर दादी से लड़ता था कि उसे गवाह क्यों नहीं बनाया गया? वह गवाही देता और बताता कि उसके मां-बाप की किसने और कैसे हत्या कराई थी।


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जुगनू ने पुलिस को था बताया कि जब उसके मां-बाप की हत्या की गई थी तो उसे धकेल कर विक्की ने ही बचाया था। हालांकि, इसके बावजूद उसके पेट और बाजू में गोली लगी थी। जुगनू ने कहा था कि उसके बड़े पापा ने कभी उसे, विक्की और बहन डाली को एकसाथ नहीं बैठने दिया। तीनों बस दादी के सहारे किसी तरह से पले-बढ़े। बड़े पापा का डर ऐसा था कि वो जहां कहते थे, वह वहां आंख मूंद कर दस्तखत कर देता था। विक्की बचपन से ही बड़े पापा को पसंद नहीं करता था और कभी-कभार उनकी बात का विरोध करता था। इसी चक्कर में उसकी पिटाई भी होती रहती थी।  बता दें, भदैनी निवासी राजेंद्र प्रसाद गुप्ता, उसकी पत्नी नीतू और तीन बच्चों नमनेंद्र, सुबेंद्र व गौरांगी का शव गत पांच नवंबर को उनके घर में मिला था। पांचों की गोली मार कर हत्या की गई थी। वारदात के बाद से ही राजेंद्र का बड़ा भतीजा विक्की लापता था। जबकि छोटा भतीजा पुलिस की निगरानी में था। फॉरेंसिक एक्सपर्ट की रिपोर्ट और क्राइम सीन के अनुसार, पुलिस का अब मानना था कि विक्की ने अकेले ही अपने बड़े पापा सहित पांचों लोगों की हत्या की है। पुलिस के अनुसार, भदैनी स्थित घर में नीतू, नमनेंद्र, गौरांगी और सुबेंद्र में किसी का भी शव बेड पर नहीं था। पुलिस का कहना है कि विक्की के साथ शूटर होते तो वह कहीं न कहीं कैमरे में जरूर कैद होते। वहीं, सोए हुए राजेंद्र को बिस्तर पर लगी मच्छरदानी के बाहर से गोली मारी गई थी। पुलिस के अनुसार, वारदात में एक असलहा और दो मैगजीन के इस्तेमाल की प्रबल संभावना थी। विक्की की दादी शारदा देवी दो रोटी खाती हैं। मगर, एक रात वह अपनी बड़ी बहू नीतू को तीन रोटी अतिरिक्त बनाने को कहीं थी। इस पर नीतू ने पूछा भी था कि आज आखिरकार इतनी भूख कैसे लगी है। हालांकि, उम्र ज्यादा होने की वजह से शारदा को याद नहीं है कि वह तीन अतिरिक्त रोटी दीपावली की रात बनवाई थी या उससे एक रात पहले बनवाई थीं। पुलिस से बातचीत करने के दौरान भी शारदा देवी भूल जाती हैं कि उन्होंने कुछ देर पहले क्या बताया था? उनकी उम्र को देखते हुए पुलिस कर्मी भी उनसे परिवार के सदस्य की तरह ही बातचीत करते हुए नए तथ्यों को टटोलने की कोशिश करते थे।


कुछ इस तरह दी गयी थी घटना को अंजाम

एक ही परिवार के पांच सदस्यों की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। भदैनी इलाके में एक बहुमंजिला मकान के अलग-अलग तल से मंगलवार यानी 5 नवंबर को एक महिला, उसके दो बेटों और एक बेटी का शव मिला था। जबकि घटनास्थल से लगभग 14 किलोमीटर दूर मीरापुर रामपुर स्थित निर्माणाधीन मकान में महिला के पति का अर्धनग्न शव बेड पर मिला। उसे भी गोली मारी गई थी। पांचों की कनपटी और सीने में गोली मारी गई थी। दोनों ही घटनास्थल से मिले खोखा के आधार पर पुलिस दावा कर रही थी कि पांचों लोगों की हत्या में .32 बोर की पिस्टल का इस्तेमाल किया गया था। पुलिस पुराने विवाद और घटनाओं को ध्यान में रखकर जांच कर रही थी। परिवार के मुखिया मृत राजेंद्र पर अपने पिता, छोटे भाई और उसकी पत्नी के साथ ही एक चौकीदार की हत्या का आरोप था।


इंस्टाग्राम और ईमेल बात करते थे दोनों आरोपी

दीपावली के एक दिन बाद ही एक परिवार के पांच लोगों के हत्या कर दी गई थी. इस नृशंस हत्या ने बनारस को पूरी तरीके से दहला दिया था. यह अब तक की बनारस की सबसे जघन्य हत्या थी, जो कमिश्नरेट पुलिस के लिए भी बड़ी चुनौती बनी हुई थी. क्योंकि हत्यारे ने एक भी सबूत अपने पीछे नहीं छोड़े थे. लेकिन पुलिस ने घेराबंदी कर आखिरकार अपराधी को पकड़ लिया है और हत्या का खुलासा कर दिया है. 90 दिन बाद पुलिस ने एक लाख इनामी आरोपी विशाल गुप्ता उर्फ विक्की को गिरफ्तार कर लिया है.


1997 में हुई थी विक्की के बाप-दादा की हत्या

पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने बताया कि हत्या आरोपी विक्की ने पूछताछ में बताया है कि उसके माता-पिता व बाबा की हत्या चाचा राजेंद्र गुप्ता के जरिए 1997 में गोली मारकर की गई थी. जिसमें उसके छोटे भाई प्रशांत को भी गोली लगी थी. उसी समय से हम लोगों को राजेंद्र व उनके परिवार वालों के द्वारा नौकर की तरह रखा जा रहा था,बार-बार मारा पीटा जा रहा था. हम लोग तंग आ गए थे. 2022 में भी राजेंद्र और उनके बड़े पुत्र ने उसे बुरी तरीके से मारा पीटा और कई दिनों तक घर में बंद रखा. इस समय ही इस पूरे परिवार को खत्म करने के इरादे से घर छोड़ दिया था. छोटे भाई प्रशांत के साथ मिलकर घटना की योजना बनाई. जिसके लिए फर्जी आईडी पर चार पांच मोबाइल सिम लिया और बिहार से दो पिस्टल भी खरीदी.


ये है पूरा मामला

भेलूपुर थाना क्षेत्र के भदैनी निवासी राजेंद्र प्रसाद गुप्ता की पत्नी नीतू, बेटी गौरांगी और बेटों नमनेंद्र व सुबेंद्र का शव पांच नवंबर 2024 की सुबह उनके घर में मिला था। चारों की गोली मार कर हत्या की गई थी। राजेंद्र का शव रोहनिया थाना क्षेत्र के मीरापुर रामपुर स्थित उसके निर्माणाधीन मकान में मिला था। राजेंद्र की भी गोली मार कर हत्या की गई थी। पड़ताल के बाद पुलिस इस नतीजे पर पहुंची कि अपने मां-बाप की हत्या का बदला लेने के लिए विक्की ने पूरे परिवार को खत्म कर डाला। विक्की के मां-बाप की हत्या का आरोप राजेंद्र पर था। इधर, तमाम प्रयास के बाद पुलिस को विक्की व उसके भाई को गिरफ्तार करने में सफलता मिली है।


घर पर चस्पा किया गया था नोटिस

बता दें कि पुलिस ने विशाल गुप्ता के फरार होने के कारण उसके खिलाफ कोर्ट से कुर्की की कार्रवाई के लिए आदेश लेकर मारे गए राजेंद्र गुप्ता के घर पर कुर्की की नोटिस चस्पा किया गया था। इसके अलावा, मोहल्ले में डुगडुगी भी पिटवाई गई थी, जिससे पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़ा हुआ था। वहीं घटना के बाद पीड़ित परिवार की अकेली बची राजेंद्र गुप्ता की बुजुर्ग मां शारदा देवी ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए निवेदन किया था कि पुलिस उनके मकान की कुर्की की कार्रवाई को रोकने के निर्देश दे।

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