- एनएसडी स्नातक छात्रों के डिप्लोमा प्रोडक्शन ‘रोमियो, जूलियट और डार्कनेस’ का मंचन अभिमंच में हुआ।
एनएसडी के 2024 बैच के स्नातक छात्रों ने अभिमंच में 'रोमियो जूलियट और डार्कनेस' का शानदार प्रदर्शन किया। जन ओटचेनाशेक द्वारा लिखित और रजनीश कुमार द्वारा निर्देशित यह डिप्लोमा नाटक, द्वितीय विश्व युद्ध की भयावह पृष्ठभूमि में एक मार्मिक प्रेम कहानी बुनता है। नाटक में एक ईसाई लड़के की हिम्मत और मानवता को दर्शाया गया है, जो नाज़ी उत्पीड़न से एक यहूदी लड़की को बचाने के लिए उसे अपने घर में छिपा लेता है। प्रत्येक प्रदर्शन के बाद, दर्शकों को 'मीट द डायरेक्टर' सेगमेंट में निर्देशक रजनीश कुमार के साथ नाटक की निर्माण प्रक्रिया पर चर्चा करने का अवसर मिला, जिससे रंगमंच के प्रति उनकी समझ और गहरी हुई। एनएसडी में 'अद्वितीय' के नौवें दिन, रंगमंच के अलावा सिनेमा का भी जश्न मनाया गया। एनएसडी फिल्म क्लब अगले तीन दिनों तक FTII के स्नातक छात्रों द्वारा निर्मित फिल्मों की स्क्रीनिंग आयोजित कर रहा है। आज, समुद्र बैनर्जी द्वारा निर्देशित 'स्थिति' और प्राची बजानिया द्वारा निर्देशित 'द स्पेल ऑफ पर्पल' जैसी उत्कृष्ट फिल्मों का प्रदर्शन किया गया।इसके अलावा, छात्र संघ द्वारा आयोजित 'और करो थिएटर' नामक एक मनोरंजक वायरल कॉन्सर्ट ने सभी को झूमने पर मजबूर कर दिया। इस कॉन्सर्ट में हास्यपूर्ण विडंबना से भरे गाने प्रस्तुत किए गए। बैंड का नेतृत्व टीवीएफ के प्रसिद्ध कलाकार गोपाल दत्त ने किया, जिन्होंने अपने करियर की शुरुआत थिएटर से की थी और 1999 में एनएसडी से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। शाम का माहौल उत्साही और मधुर संगीत से सराबोर रहा, जिससे भारंग्म में एक अलग ही रौनक आ गई।
भारत रंग महोत्सव में नुक्कड़ नाटकों ने भी अपनी जोरदार उपस्थिति दर्ज कराई। स्वतंत्र समूह इरिताक़ा ने 'तलाश-ए-इंसाफ' के जरिए समाज में व्याप्त बलात्कार संस्कृति पर प्रहार किया। शिवाजी कॉलेज, दिल्ली के वयम समूह ने भारतीय रेलवे प्रणाली की खराब हालत पर व्यंग्यात्मक नाटक प्रस्तुत किया, जो दर्शकों को सोचने पर मजबूर कर गया। मिरांडा हाउस कॉलेज के अनुकृति समूह ने 'सेहमत' के माध्यम से सहमति के महत्व को उजागर किया। ओपन स्टेज सेक्शन में, सुफ़यान ख़ान और आरीय सिंगल ने अपने एकांकी से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया, जबकि लावण्या ने कविता पाठ से सभी को भाव विभोर कर दिया। कल, साहित्यिक खंड ‘श्रुति’में, आलोक शुक्ला द्वारा लिखित दो नाटकों से युक्त पुस्तक ‘अजीब दास्तान एक और नाटक’ का विमोचन किया गया। इसके बाद, लेखक और पत्रकार व रंगमंच समीक्षक श्री संगम पांडे के बीच एक चर्चा आयोजित की गई। इस अवसर पर श्री चित्तरंजन त्रिपाठी, निदेशक, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय ने अपनी उपस्थिति दर्ज की।
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