- मरीजों का दवा रहित उपचार किया गया
शिविर समापन सत्र के दौरान चेयरमैन डॉ. गगन कोल्हे ने उपस्थित जन को संबोधित करते हुए कहा कि आयुष चिकित्सा पद्धति में भारतीय चिकित्सा पद्धति और होम्योपैथी शामिल हैं। आयुष आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध, सोवा रिग्पा और होम्योपैथी का संक्षिप्त रूप है। आयुर्वेद सबसे पुरानी प्रणाली है जिसका 5000 से अधिक वर्षों से अधिक पुराना इतिहास है जबकि होम्योपैथी भारत में लगभग 100 वर्षों से प्रचलन में है। हमारे प्रधानमंत्रीजी का मिशन 2047 तक भारत को विश्व गुरू बनाना है, तो हमें स्वच्छता, साक्षारता एवं स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देना होगा, तभी हम विश्व गुरू बनेगे। उन्होंने कहा कि मैं आप लोगों को पूर्ण स्वस्थ की कामना करता हूं यदि आप एलेपेथी की जगह आर्युवेद की पद्वित अपनाये। इस शिविर में विभिन्न प्रकार की बीमारी जैसे जोंड़ों के दर्द, कमर दर्द, गर्दन दर्द, पीठ दर्द, कंधा दर्द, मंदबुद्धि बच्चे, सी.पी. चाइल्ड, मंगोल चाइल्ड, अनिद्रा, डिप्रेसन, पारकिसन, हार्ट, किडनी, लीवर, अस्थमा, थायराइड, महिलाओं के मासिक संबंधी विकार पेट संबंधी गैस, अपच, कब्ज, पाइल्स, भूख ना लखना आदि की समस्या से संबंधित मरीज आये जिन्हें परामर्श के साथ दवा रहित उपचार भी किया गया। इस शिविर में उपचार हेतु आये मरीजों अपने-अपने अनुभव साझा जिसमें कुमारी करिश्मा मालवीय ने बताया कि हमें 8-9 महीने से कमर में काफी दर्द होता था चलने फिरने में काफी तकलीफ होती थी आज रेडक्रास के इस शिविर में न्यूरैथेरपी कर बहुत अराम मिला है। इसी प्रकार अन्य लोगों ने भी अपनी-अपनी बीमारियों में निजात पाने के अनुभव बताये।
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