- भक्तों ने बाबा व गौरा को अर्पित किया हल्दी गुलाल, ली होली खेलने की अनुमति, काशी में रंगोत्सव शुरू
- काशीवासियों सहित देश विदेश से आए भक्तों ने अबीर गुलाल चढ़ाकर बाबा का दर्शन-पूजन किया
प्रातः काल से ही चलता रहा रंगभरी एकादशी का पूजन अनुष्ठान
प्रातः काल से ही रंगभरी एकादशी का पूजन अर्चन अनुष्ठान प्रारंभ कर दिया गया मंदिर प्रांगण में श्री काशी विश्वनाथ महादेव एवं मां गौरा की चल रजत प्रतिमा का विधि- विधान से शास्त्रीय अर्चन कर पूजन अनुष्ठान किया गया। मंदिर न्यास की ओर से महादेव एवं माता गौरा को वस्त्र, चंदन, भस्म, पुष्प, अबीर- गुलाल, भोग, मेवा मिष्ठान अर्पित की गई। पूजन के पश्चात रजत पालकी पर श्री काशी विश्वनाथ महादेव एवं मां गौरा को मंदिर चौक लाया गया। मंदिर चौक पर महादेव एवं मां गौरा की चल रजत प्रतिमा का भक्तगण दर्शन लाभ लेकर फूलों की पंखुड़ियां, अबीर- गुलाल अर्पित करने के बाद आपस में अबीर- गुलाल लगाकर रंगोत्सव की खुशियां बांटते रहे। रंगभरी एकादशी उत्सव में विश्वेश्वर महादेव का प्रांगण पूरे उमंग और उत्साह से सराबोर रहा। भक्ति रस में डूबे श्रद्धालु अपने आराध्य देवाधिदेव महादेव एवं माता गौरा को पूरे भाव से अपनी भक्ति अर्पित करते रहे। मंदिर न्यास की ओर से सभी काशीवासियों एवं श्रद्धालुओं का बड़े ही आदर एवं आत्मीय भाव से स्वागत किया गया। इस संपूर्ण आयोजन को लोकमानस के निकट रखते हुए परंपरागत रूप से संपन्न करने के लिए मंदिर न्यास निरंतर प्रयासरत रहा। मंदिर न्यास ने काशीवासियों से अपने आराध्या के इस विशेष पर्व में शामिल होकर परंपराओं का निर्वहन करने का निवेदन किया था, जिसे प्रत्येक काशीवासी ने सहर्ष स्वीकार कर इस उत्सव को उमंग और उत्साह से संपूर्ण कराया।सांध्य बेला में मंदिर चौक पर बही भजन सरिता
रंगभरी एकादशी के त्रिदिवसीय उत्सव के तीसरे एवं अंतिम दिन सोमवार को सायंकाल मंदिर चौक के शिवार्चनाम मंच पर सुर और लाल की सरिता बही जिसमें श्रद्धालुओं ने गोते लगाए। सांस्कृतिक संध्या के मुख्य अतिथि शहर दक्षिणी के विधायक एवं उप्र सरकार के पूर्व मंत्री श्री डा नीलकंठ तिवारी ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कलाकारों ने महादेव एवं माता गौरा से संबंधित भक्ति भजनों को प्रस्तुत कर श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कलाकारों की प्रस्तुतियों पर श्रद्धालु इस कदर लीन हुए कि भक्ति रस में डूबकर झूमने लगे। देर शाम तक कलाकारों की प्रस्तुतियां जारी रही जिसका रसपान प्रांगण में मौजूद भक्तगण करते रहे। श्री काशी विश्वनाथ धाम में रंगभरी एकादशी का उत्सव और उल्लास कण-कण में नजर आया। श्रद्धालुओं ने सोमवार को बाबा और गौरा को हल्दी लगाकर गुलाल अर्पित किया। काशीवासियों समेत दूर- दराज से काशी आए सभी श्रद्धालु इस उत्सव में पूरी श्रद्धा एवं उमंग के साथ शामिल होकर परंपरा का निर्वहन किया। बाबा के गौना पर संगीत संध्या शिवार्चनम में सुर साज गूंजे। अब पांच दिन तक घाटों से लेकर गलियों तक होलियाना बहार छाई रहेगी। लोगों को एक दूसरे के साथ जमकर होली खेलते देखा जा रहा है।
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