यह कोविड-काल की ही आपदा थी जिसे भारत ने अवसर में बदल दिया। अब भारत रूस-यूक्रेन युद्ध को ख़त्म करवाने की दिशा में अपने प्रभाव और कूटनीति का इस्तेमाल कर वैश्विक स्तर पर अपनी विशिष्ट पहचान बना सकता है।
इन कदमों से भारत न केवल यूक्रेन-रूस युद्ध विराम को स्थाई बनाने की दिशा में योगदान दे सकता है, बल्कि वैश्विक मंच पर अपनी छवि को एक जिम्मेदार, संतुलित और मानवीय शक्ति के रूप में स्थापित कर सकता है। भारत की यह भूमिका अंतरराष्ट्रीय पटल पर दीर्घकालिक कूटनीतिक लाभ, आर्थिक अवसर और वैश्विक शक्ति के रूप में पहचान भी दिला सकेगी। यही समय है जब मोदी दुनिया के आमने नॉर्मन श्वार्जकोफ के सूत्र वाक्य - “हम शांति में जितना पसीना बहाते है, युध्द में उतना ही कम खून बहता है।” को सामने रख रूस-यूक्रेन युद्ध को ख़त्म करवा कर अंतरराष्ट्रीय जगत में भारत की धाक जमा सकते हैं।
हरीश शिवनानी
(वरिष्ठ स्वतंत्र पत्रकार)
ईमेल : shivnaniharish@gmail.com
संपर्क : 9829210036
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