- माले जांच दल ने कल किया था औरंगाबाद का दौरा, सरकार पर अपराधियों को बचाने का आरोप
- पटना जिले में होली के दौरान हुई सवर्ण सामंती हिंसा की भी की जांच
घटना 14 मार्च 2025 की करीब 2-3 बजे दिन की है, जब कोमल और उसकी बड़ी बहन स्वीटी कुमारी (22) वर्ष, जो कि ग्रेजुएट की छात्रा हैं, अपने नानी घर होली की छुट्टियों में आई थीं और घर के पास होली खेल रही थीं. मनोज सिंह का घर बिल्कुल सामने पड़ता है. उसके घर का पीछे का गेट मृतक की नानी के घर की ओर खुलता है. उसी दौरान मनोज सिंह और उसके बेटे रंजय कुमार उर्फ सन्नी और भाई बिनोद सिंह ने उन लड़कियों को जातिसूचक गालियां देना शुरू किया और फिर अपनी गाड़ी निकालकर सामने नहा रही लड़कियों पर चढ़ा दी, जिससे कोमल की मौत हो गई. वहीं स्वीटी कुमारी समेत दो अन्य लड़कियां घायल हो गईं. प्राथमिकी दर्ज होने के बाद भी 19 मार्च तक एक भी गिरफ्तारी नहीं हुई थी. माले की जांच टीम ने इस घटना को लेकर सामंती मानसिकता और सत्ता के दबदबे को जिम्मेदार ठहराया है. पुलिस प्रशासन घटना को दुर्घटना बताकर उसे दबाने की कोशिश कर रहा था. इसके अलावा, पार्टी के पांच सदस्यीय एक दूसरी जांच टीम ने 19 मार्च को नौबतपुर के छोटी टंगरैला गांव का दौरा किया, जहां सवर्ण सामंती ताकतों द्वारा यादव जाति के एक युवक की हत्या कर दी गई थी. इस मामले को लेकर विधानसभा में भी जोरदार विरोध दर्ज किया गया.
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