1-मेरे ताबूत को शहर के ख्यातनामा डॉक्टर उठाएं।
2-मेरा सारा धन (पैसा, सोना, कीमती पत्थर आदि) उस मार्ग पर फेंका जाय जिस पर से चलकर मुझे कब्रिस्तान में दफन करने हेतु पहुंचाया जाय।
3-मेरे हाथ ढीले छोड़ें जाएं और ताबूत के बाहर लटकते हुए रहें।
इन असामान्य अनुरोधों से हैरान एक मुख्य सेनापति ने सिकंदर से पूछ ही लिया : "अलेक्जेंडर द ग्रेट! यह आप क्या कह रहे हैं?"
सिकन्दर के उत्तर सुनिए:
"मैं चाहता हूं कि मेरे ताबूत को डॉक्टर इसलिए कंधा दें ताकि दुनिया जान ले कि मौत अटल है और समय आने पर मौत के मुंह में से बचाने की ताक़त किसी में नहीं है।यहां तक कि सर्वश्रेष्ठ डॉक्टरों के पास भी नहीं।"
मैं चाहता हूं कि कब्रिस्तान तक जाने वाली सड़क मेरे खजाने की दौलत से ढकी हो ताकि हर कोई यह जान ले कि इस पृथ्वी पर अर्जित की गई भौतिक संपदा किसी की नहीं वरन पृथ्वी की ही है।
मैं चाहता हूं कि मेरे हाथ हवा में झूलें ताकि लोग समझ लें कि हम खाली हाथ इस दुनिया में आते हैं और खाली हाथ छोड़कर जाते हैं।
डॉ० शिबन कृष्ण रैणा
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