- भयभीत पचामा के किसान परिवार ने की कार्रवाही की मांग
मंगलवार को परिजनों के साथ कलेक्ट्रेट पहुंची शकुंनतला बाई पत्नी स्वर्गीय लक्ष्मण सिंह ने कलेक्टर को बताया कि ससुर हिम्मतसिंह के नाम की पैतृक भूमि सर्वे नं. 53/1. 53/2, 54/2, 149, 191, 268/622/268, 409, 527, 269, 55, 61, 267, 260, 410, 524, 525, 526, 580/1 रकबा 18.242 हैक्टेयर ग्राम थूनाकलां में स्थित है। जिस में अपने हिस्से 1/3 के संबंध में व्यवहार न्यायाधीश सीहोर के न्यायालय में दिवानी वाद अनावेदकों के विरूध चल रहा है, इस मामले में 12 मार्च को सुनवाई होना है। इस के पहले हीं 10 मार्च सोमवार को अनावेदकों के साथ खेत पर पुलिस के साथ पहुुंचकर राजस्व विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों ने मेरे पुत्रों को झूठे प्रकरण में फंसवाने की धमकी देकर खेत में खड़ी लगभग 150 क्विंटल गेंहु की फसल जिस की कीमत 3 लाख 90 हजार रूपये की फसल को बलपूर्वंक हार्वेंस्टर से कटवा दिया गया। प्रशासन के द्वारा पूरी कार्रवाही बिना कोई पूर्व सूचना के की गई किसी विधि आदेश के दस्तावेज भी परिजनों को नहीं दिखाए गए। इस दौरान खेत पर कृषि कार्य करने वाले कर्मचारियों को भी जाति सुचक अपशब्दों के साथ मारपीट की धमकी दी गई जिस की शिकायत भी अनुसुचित थाने में दर्ज कराई गई है इस संबंध में भी अनावेदकों पर कोई कार्रवाही पुलिस के द्वारा नहीं की गई है।
न्याय मांगते हुए शकुंनतला बाई ने कहा कि जब परिजनों ने प्रशासनिक अधिकारियों एवं अनावेदकों के द्वारा अवैधानिक कृत्यों को करने से मना किया गया तो प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा मुझ वृद्ध महिला एवं मेरे परिवारजन को आतंकित एवं भयभीत किया और कहा कि विरोध किया तो पूरे परिवार पर झूठे अपराधिक मुकदमें दर्ज करवा देंगे। गेंहू की फसल कटने के बाद परिवारजन के समक्ष भरण पोषण का गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है। कोर्ट के आदेश और कानून का घोर उल्लंघन करते हुये बिना किसी वैध आदेश के गेहूं की फसल प्रशानिक अधिकारियों द्वारा अपने पद का दुरुपयोग करते हुये कटवा दी गई है। पीडि़ता ने पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करवाकर संबंधित दोषी अधिकारी कर्मचारियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही कराए जाने एवं काटे गये गेहूं 150 क्विंटल को वापस दिलाने सहित अनावेदक के विरुद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जाने की मांग कलेक्टर से की है।
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