सबसे पहले दहिला गांव जहां होली के दिन स्नान करने के क्रम में जहां 4 युवतीयों की मौत की हृदय बिदारक घटना घटी, उसके जड़ में उपजाऊ जमीन को ठीकेदार एवं भूस्वामी द्धारा अत्याधिक गहरा गठ्ठा खोदने ,खुदवाने के बाबजूद उसका घेराबंदी नही कराना प्रमुख कारण है.इस मामले में अभी तक किसी भी पिड़ीत परिवार को कोई सरकारी सहायता नहीं मिलना,ट्रकटर पर लाश को ले जाना और अभी तक गहरा गठ्ठा को घेराबंदी नही करवाना अंचल अधिकारी, बेनीपट्टी एवं शासन प्रशासन की संवेदनहिनता और अपराधिक लापरवाही उजागर होता है. वही परौल ईट भट्ठा पर दिनांक 19मार्च को दीवाल गिड़ने से नरही के एक मजदूर की दर्दनाक मौत के शिकार पिड़ीत परिवार से मिलने नरही गांव जाया गया. वहां पाया गया कि दिवाल कमजोर हो जाने के बाबजूद भी ईट भट्ठा चलाते रहने के कारण दीवाल गिड़ने जैसी घटनाएं हूई. परंतु हादसे का शिकार मृत मजदूर का पोस्टमार्टम नही देना गंभीर चिंता का बिषय रहा. उपरोक्त दुखद घटनाओं के आलोक में टीम का नेतृव कर रही बिधान पार्षद MLC कामरेड शशि यादव ने कही कि दहिला गांव में और अन्य जगहों पर भी खोदे गये जान लेवा गठ्ठों को अभीलंब घेराबंदी करवाया जाय,पिड़ीत परिवारो को अबिलंब मुआवजा और सरकारी सहायता दिया जाय, नरही के मृत मजदूर का हादसा पर आधारित मृतु का मृत प्रमाण पत्र निर्गत किया जाय. इन सवालो को बिधान परिषद में उठाने की भी घोषणा की.
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