मुंबई : तीन तलाक के मुद्दे पर आवाज़ बुलंद करती हार्ड हिटिंग फ़िल्म 'रिवाज' - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

  
प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

मंगलवार, 18 मार्च 2025

demo-image

मुंबई : तीन तलाक के मुद्दे पर आवाज़ बुलंद करती हार्ड हिटिंग फ़िल्म 'रिवाज'

1742061954866
मुम्बई (अनिल बेदाग)। तीन तलाक के मुद्दे पर बॉलीवुड में राज बब्बर की फिल्म 'निकाह' सहित कई फिल्में आई हैं मगर इन दिनों ज़ी5 पर रिलीज हुई फ़िल्म रिवाज की चर्चा हो रही है जो इसी मुद्दे पर बेस्ड है। तीन तलाक के विरुद्ध एक महिला की लड़ाई दर्शाती यह फ़िल्म हार्ड हिटिंग है। प्रोडूसर कशिश ख़ान ने एक एक अच्छी फ़िल्म बनाकर इंडस्ट्री में अपनी जगह बना ली है। फ़िल्म रिवाज एक दृढ़ इच्छाशक्ति रखने वाली महिला ज़ैनब शेख की स्टोरी बयान करती है, जो तीन तलाक़ के पुराने कानून के विरुद्ध आवाज़ बुलंद करती है। ज़ैनब शेख का किरदार मायरा सरीन ने निभाया है बल्कि जिया है। मायरा ने जिस ईमानदारी के साथ अदाकारी की है वह देखने लायक है। कई मंझे हुए कलाकारों के साथ उन्होंने अपनी कुशल अभिनय क्षमता का प्रदर्शन किया है और फ़िल्म के मुख्य पात्र को स्क्रीन पर असरदार ढंग से पेश किया है। उनकी संवाद अदायगी हो, या चेहरे का एक्सप्रेशन, भावनाओं को प्रकट करना हो या कोई दिल को चुभने वाला डायलॉग बोलना हो, मायरा माहिर नज़र आई हैं।


"इनका जब मन होगा तलाक दे देंगे, जब मन होगा माफी मांगकर निकाह की बात कर लेंगे।" ज़ैनब का यह संवाद औरत के दर्द को बयां करता है। फिर वह आगे कहती है "मैं कसम खाती हूँ, तेरे जैसे लोगों का गुरुर तोड़ूंगी।" "तलाक औरत दे या मर्द दे, नुकसान तो परिवार का ही होता है." इस तरह के संवाद के जरिये फ़िल्म में कई सन्देश भी दिए गए हैं। "यह लड़ाई मेरे अकेले की नहीं है।" जब फ़िल्म में ज़ैनब यह डायलॉग बोलती है तो लगता है कि वह पूरे समाज का प्रतिनिधित्व कर रही है और अन्याय के खिलाफ  लड़ाई लड़ रही है। एक वकील के रूप में मिथुन चक्रवर्ती की भूमिका महत्वपूर्ण है। वहीं वकील के रोल में ज़ाकिर खान का यह संवाद "तीन तलाक कानून खत्म करने से देश का मुसलमान खुश नहीं होगा।" बहस को जन्म देता है जिसपर मिथुन चक्रवर्ती कहते हैं कि अल्लाह को तलाक पसन्द नहीं है।" ट्रिपल तलाक के खिलाफ मिथुन चक्रवर्ती अपने क्लाइंट के हक की लड़ाई लड़ते नजर आते हैं। ज़ैनब शेख के किरदार को मायरा सरीन ने नेचुरल तरीके से निभाया है।इस प्रोजेक्ट के साथ, मायरा ने अपनी सशक्त पहचान स्थापित कर दी है। रिवाज की कहानी और जैनब जैसे किरदारों ने समाज में बदलाव की लहर पैदा की, जिससे प्रेरित होकर मोदी जी ने ट्रिपल तलाक कानून लागू किया, जिससे महिलाओं को सम्मान और अधिकार मिले।फ़िल्म का निर्देशन बहुत बढ़िया है। "तू मेरा नाम है " जैसे फ़िल्म में मधुर गीत भी हैं। इस हार्ड हिटिंग और संवेदनशील मुद्दे पर बनी फिल्म रिवाज आप ज़ी5 पर देख सकते हैं।




फ़िल्म समीक्षा : रिवाज

कलाकार ; मिथुन चक्रवर्ती, आफताब शिवदासानी, मायरा सरीन, अनिता राज, ज़ाकिर हुसैन, जया प्रदा, अद्विक महाजन,अश्वनी कपूर 

प्रोड्यूसर ; कशिश खान

लेखक निर्देशक : मनोज सती

बैनर : कशिश खान प्रोडक्शन

अवधि : 1 घंटे 54 मिनट

सेंसर : यूए

प्लेटफॉर्म : ज़ी5

रेटिंग : 4 स्टार्स

कोई टिप्पणी नहीं:

undefined

संपर्क फ़ॉर्म

नाम

ईमेल *

संदेश *