बताते चले कि पश्चिम चंपारण के लोग राख बुधवार के पहले ईसाई समुदाय ने 4 मार्च को गोश्त और भूंजा का पर्व मनाया. बिहार के पश्चिमी चम्पारण के ईसाई समुदाय ने गोश्त और भूंजा का पर्व का लुफ्त उठाया.अब पश्चिमी चम्पारण से निकलकर गोश्त और भूंजा का पर्व का प्रसार देश-प्रदेश-विदेश में हो गया है.इसके साथ ही ईसाई समुदाय 4 मार्च (रम) को छोड़ दिए और ईसा मसीह के दुखभोग के गम में समा गए हैं.दुखभोग की अवधि में प्रत्येक बुधवार और शुक्रवार को दोपहर में क्रूस का रास्ता होता है. समाजसेवी एस.के.लॉरेंस ने ईसा मसीह के दुखभोग पर आधारित मुसीबत गाना शुरू कर दिया है.इनके साथ एक टीम है जो प्रत्येक साल कुर्जी पल्ली में मुसीबत गान और प्रार्थना करने का कार्यक्रम करते हैं.
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