दिल्ली : रेड कार्पेट गाला नाइट के साथ संपन्न हुआ 20वां महिंद्रा एक्सीलेंस इन थिएटर अवार्ड्स - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 21 मार्च 2025

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दिल्ली : रेड कार्पेट गाला नाइट के साथ संपन्न हुआ 20वां महिंद्रा एक्सीलेंस इन थिएटर अवार्ड्स

  • निह्संगो ईश्वर  ने शीर्ष सम्मान प्राप्त किए, बेस्ट प्रोडक्शन,  बेस्ट ओरजिनल स्क्रिप्ट और अन्य पुरस्कार जीते।
  • अक्षय सिंह ठाकुर को स्वांग:जस की तस के लिए सर्वश्रेष्ठ निर्देशक घोषित किया गया।
  • रंजनी घोष (चंदा बेडनी) और सुमन साहा (निह्संगो ईश्वर   ) को सर्वश्रेष्ठ प्रमुख अभिनेता का पुरस्कार मिला।

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नई दिल्ली, 21 मार्च (रजनीश के झा) : भारत के सबसे प्रतिष्ठित और समावेशी वार्षिक रंगमंच फेस्टिवल 20वें महिंद्रा एक्सीलेंस इन थिएटर अवॉर्ड्स (META) का समापन नई दिल्ली के कमानी ऑडिटोरियम में एक भव्य रेड-कार्पेट अवॉर्ड नाइट के साथ हुआ। महिंद्रा ग्रुप द्वारा स्थापित और टीमवर्क आर्ट्स द्वारा निर्मित इस फेस्टिवल  ने भारतीय रंगमंच की उत्कृष्टता का जश्न मनाया, जिसमें राष्ट्रीय रंगमंच समुदाय और विविध दर्शकों ने भाग लिया, जो एक शानदार समापन का गवाह बना। सप्ताह भर चले   यह फेस्टिवल  कमानी ऑडिटोरियम और श्रीराम सेंटर में आयोजित किया गया, जिसमें पूरे देश से चयनित शीर्ष 10 नामांकित नाटकों का मंचन किया गया। इस फेस्टिवल  ने विभिन्न भाषाओं, संस्कृतियों और रचनात्मक अभिव्यक्तियों का एक जीवंत और विविध प्रदर्शन प्रस्तुत किया। फेस्टिवल  का समापन प्रतिष्ठित पुरस्कार समारोह के साथ हुआ, जहां "निहसंगो ईश्वर" इस रात का सबसे बड़ा विजेता बना, जिसने कई श्रेणियों में पुरस्कार अपने नाम किए। अपनी 20वीं ऐतिहासिक संस्करण को चिह्नित करते हुए, मेटा  2025 ने एक बार फिर अपनी प्रतिष्ठा को मजबूत किया, जो मंच और मंच के पीछे की प्रतिभाओं को पहचानने और सम्मानित करने वाला एक प्रमुख मंच बना हुआ है। यह फेस्टिवल  13 पुरस्कार श्रेणियों में उत्कृष्टता को मान्यता देता है। इस वर्ष, मेटा  को पूरे भारत से 367 से अधिक प्रविष्टियाँ प्राप्त हुईं, जिनमें बंगाली, अंग्रेज़ी, हिंदी, बुंदेली, मलयालम और कन्नड़ सहित विभिन्न भाषाओं के नाटकों का व्यापक प्रतिनिधित्व था। मेटा 2025 के लिए जूरी पैनल में कला जगत के दिग्गजों का एक विशिष्ट समूह शामिल था, जिनके पास विविध विशेषज्ञता और कलात्मक दृष्टिकोण का समृद्ध अनुभव था। पैनल में सुप्रसिद्ध निर्माता, निर्देशक और अभिनेत्री  लिलेट दुबे शामिल थी , जिन्हें भारतीय रंगमंच और सिनेमा में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए सराहा जाता है; दादी पदमजी, प्रतिष्ठित कठपुतली कलाकार और इशारा कठपुतली थियेटर की निदेशक, जिनकी नवीन प्रस्तुतियों ने कठपुतली कला को एक नया आयाम दिया है; सुधीर मिश्रा, प्रशंसित फिल्म निर्माता जो अपनी विचारोत्तेजक और सामाजिक रूप से प्रासंगिक फिल्मों के लिए प्रसिद्ध हैं; ब्रूस गथरी, नेशनल सेंटर फॉर द परफॉर्मिंग आर्ट्स (एनसीपीए), मुंबई में थिएटर और फिल्म के प्रमुख, जिन्हें समीक्षकों द्वारा प्रशंसित मंच प्रस्तुतियों के निर्देशन में महारत हासिल है; और सुनीत टंडन, अनुभवी मीडिया और थिएटर व्यक्तित्व, जिन्होंने निर्देशक, अभिनेता और प्रसारक के रूप में अपने व्यापक अनुभव से प्रदर्शन कला की गहरी समझ प्रदान की।


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फेस्टिवल  के एक प्रमुख अंग के रूप में, मेटा 2025 ने भारतीय रंगमंच और साहित्य में उनके अप्रतिम योगदान को सम्मानित करते हुए सुप्रसिद्ध पत्रकार, विद्वान, साहित्यकार, अनुवादक और रंगमंच समालोचक शांता गोखले को  मेटा लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड्स प्रदान किया। महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड के  वाईस प्रेसिडेंट,हेड ,कल्चरल आउटरीच  जय शाह ने कहा, "महिंद्रा एक्सीलेंस इन थिएटर अवार्ड्स, भारत के जीवंत नाट्य जगत को समृद्ध करने और उसकी सराहना करने की हमारी अटूट प्रतिबद्धता का प्रतीक है। इस वर्ष के विजेताओं, जैसे कि 'निहसंगो ईश्वर', 'स्वांग: जस की तस', 'चंदा बेडनी', 'दशानन स्वप्नसिद्धि', और अन्य सभी ने अपनी असाधारण रचनात्मकता और भावपूर्ण प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया है। इन नाटकों ने संवाद को बढ़ावा देने और सामाजिक बदलाव को प्रेरित करने में थिएटर की अद्वितीय शक्ति को उजागर किया है। हम इन प्रतिभाओं को सम्मानित करते हुए गर्व का अनुभव करते हैं, और आशा करते हैं कि वे अपनी कला से दर्शकों को हमेशा प्रेरित करते रहेंगे।" टीमवर्क आर्ट्स के प्रबंध निदेशक और फेस्टिवल प्रोड्यूसर संजॉय के. रॉय ने कहा, "महिंद्रा एक्सीलेंस इन थिएटर अवार्ड्स, भारतीय नाट्य जगत की अद्वितीय प्रतिभा और बहुमुखी रचनात्मकता का उत्सव है। इस वर्ष के विजेताओं ने विविध विषयों में नवाचार, कहानी कहने की कला और कलात्मक प्रतिभा को परिभाषित किया है। 'निहसंगो ईश्वर' की सशक्त कहानी से लेकर 'स्वांग: जस की तस' और 'चंदा बेडनी' में दिल को छू लेने वाले अभिनय तक, हम ऐसे थिएटर के विकास को देख रहे हैं जो दर्शकों को चुनौती देता है, प्रेरित करता है और उन्हें गहराई से जोड़ता है। कला के प्रति उनके अटूट समर्पण और रचनात्मक अभिव्यक्ति की सीमाओं को आगे बढ़ाने के लिए सभी विजेताओं और नामांकितों को हार्दिक बधाई।"


इस फेस्टिवल  में 13  विभिन्न प्रतिस्पर्धी विधाओं में पुरस्कार प्रदान किए गए, जो इस प्रकार हैं:

बेस्ट  प्रोडक्शन- निह्संगो ईश्वर   

बेस्ट डायरेक्टर – अक्षय सिंह ठाकुर- स्वांग :जस की तस 

बेस्ट  स्टेज डिज़ाइन – सुमन साहा- निह्संगो ईश्वर 

बेस्ट  लाइट डिज़ाइन- बादल दास- चंदा बेडनी 

बेस्ट साउंड और म्यूजिक डिज़ाइन -  अक्षय सिंह ठाकुर- स्वांग: जस की तस 

बेस्ट  कॉस्टूम  डिजाइन – राजेश्वरी  कोडगु  - दशानना स्वपनासिधी 

मुख्य भूमिका में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता (पुरुष) - सुमन साहा- निह्संगो ईश्वर 

मुख्य भूमिका में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री (महिला) – रंजिनी घोष- चंदा बेडनी

सहायक भूमिका में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता (पुरुष) – अभिषेक गौतम- स्वांग : जस की तस

सहायक भूमिका में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता (महिला) - चंद्रानी सरकार- निह्संगो ईश्वर 

बेस्ट ओरजिनल स्क्रिप्ट- निह्संगो ईश्वर  - सुमन साहा और सोहम गुप्ता

बेस्ट एन्सेम्बल – स्वांग: जस की तस, चंदा बेडनी

बेस्ट कोरियोग्राफी –सुभोजित गुहा और मधुमिता चक्रबर्ती चंदा बेडनी 

20वें महिंद्रा एक्सीलेंस इन थिएटर अवॉर्ड्स (मेटा) में कई विशिष्ट अतिथियों ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराई, जिनमें एनडीएमसी के अध्यक्ष, केशव चंद्र, साथ ही अनुभवी अभिनेता और लेखक, कबीर बेदी, प्रसिद्ध थिएटर और फिल्म निर्देशक, रजत कपूर, पूर्व राजनयिक और लेखक, विकास स्वरूप, और आशा खरगा, ग्रुप एग्जीक्यूटिव वाईस प्रेसिडेंट- ग्रुप कस्टमर एंड ब्रांड महिंद्रा ग्रुप जैसी प्रसिद्ध हस्तियां शामिल थीं। एक विशेष जूरी उल्लेख में, युवा प्रतिभा साक्षीथा संतोष को जीवंतय माला में दिया की भूमिका में उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के पुरस्कृत किया गया । उनके प्रभावशाली अभिनय ने दर्शकों पर एक अमिट छाप छोड़ी, जिसके लिए वे प्रशंसा के पात्र बनी। भारतीय रंगमंच के एक शिखर उत्सव के रूप में, मेटा रचनात्मक अभिव्यक्ति, संवाद और विविधता को निरंतर प्रोत्साहन देता है, साथ ही उभरती और स्थापित प्रतिभाओं के लिए एक राष्ट्रव्यापी सुअवसर प्रदान करता है। महोत्सव की दर्शकों की भारी उपस्थिति आकर्षित करने और दर्शकों को मंत्रमुग्ध करने की क्षमता आज के सांस्कृतिक परिदृश्य में रंगमंच के बढ़ते महत्व को स्पष्ट रूप से दर्शाती है।


मेटा के बारे में

 मेटा, महिंद्रा समूह की सांस्कृतिक पहल का एक प्रमुख हिस्सा है, जिसे अग्रणी मनोरंजन कंपनी टीमवर्क आर्ट्स द्वारा कुशलतापूर्वक संचालित किया जाता है। यह एक ऐसा मंच है जो प्रतिवर्ष भारत के रंगमंच जगत की असाधारण प्रतिभाओं को सम्मानित और पुरस्कृत करता है। मेटा न केवल सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुतियों और कलाकारों को मान्यता देता है, बल्कि उन निर्देशकों, लेखकों और डिजाइनरों को भी सम्मानित करता है, जिन्होंने पर्दे के पीछे रहकर इस कला को जीवंत बनाया है। इसका मुख्य उद्देश्य भारत के विशाल और विविध थिएटर उद्योग को प्रोत्साहित करना है, जो विभिन्न क्षेत्रों, भाषाओं और सांस्कृतिक अभिव्यक्तियों में फैला हुआ है। मेटा का प्रयास केवल पुरस्कारों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका लक्ष्य रंगमंच के प्रति जागरूकता और गहरी सराहना पैदा करना है। यह मंच थिएटर कलाकारों और दर्शकों के बीच एक मजबूत संबंध स्थापित करता है, उन्हें प्रेरित करता है और रंगमंच कला के माध्यम से संवाद और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देता है। मेटा, भारतीय रंगमंच के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, इसे एक ऐसे मंच के रूप में स्थापित करता है जहाँ कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन कर सकते हैं और दर्शकों को नई और प्रेरक कहानियाँ मिल सकती हैं।

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