प्रमुख मांगें
1. आय प्रमाणपत्र जारी किया जाए – महीनों पहले अंचल कार्यालय में जमा किए गए सैकड़ों महागरीब परिवारों को ₹72,000 वार्षिक से कम आय प्रमाणपत्र निर्गत किया जाए।
2. भूमिहीनों को बास भूमि दी जाए – सैकड़ों भूमिहीन परिवारों द्वारा दिए गए आवेदनों के आधार पर 5 डिसमिल बास भूमि का पर्चा जारी किया जाए।
3. बसे हुए गरीबों को बासगीत पर्चा मिले – जहां गरीब परिवार बसे हुए हैं, उन्हें उसी जमीन का बासगीत पर्चा दिया जाए।
4. पर्चाधारियों को जमीन पर कब्जा दिलाया जाए – जिन गरीबों को जमीन का पर्चा मिला है, उन्हें उस पर दखल-कब्जा सुनिश्चित किया जाए।
5. सभी ग्रामीण मजदूरों को जॉब कार्ड और रोजगार की गारंटी मिले – मजदूरों को मनरेगा के तहत रोजगार का अधिकार मिले।
किशन के धान अधिप्राप्ति घोटाले की उच्चस्तरीय जांच की मांग
भाकपा-माले ने बेनीपट्टी अंचल कार्यालय के समक्ष ही एक सभा का आयोजन किया, जिसकी अध्यक्षता माले नेता कॉ. अजीत कुमार ठाकुर ने की। सभा में भाकपा-माले के युवा नेता मयंक कुमार यादव, बेनीपट्टी प्रखंड सचिव श्याम पंडित, महिला नेत्री सुनीता देवी, रीता देवी समेत कई नेताओं ने संबोधित किया। नेताओं ने कहा कि भाकपा-माले गरीबों के अधिकारों के लिए निरंतर संघर्ष कर रही है, लेकिन नीतीश सरकार की अफसरशाही गरीबों के सवालों और मुद्दों पर पूरी तरह संवेदनहीन बनी हुई है। चाहे ₹6,000 मासिक आय से कम वालों को ₹2 लाख अनुदान देने की योजना हो या भूमिहीनों को बसने के लिए जमीन देने का सवाल, सरकार की निष्क्रियता और भ्रष्टाचार गरीबों के हक को कुचल रही है। आज बिहार भ्रष्टाचारियों, माफियाओं और अपराधियों से त्रस्त हो चुका है। गरीबों को उनके हक और अधिकार से वंचित किया जा रहा है।
आंदोलन में शामिल प्रमुख नेता एवं कार्यकर्ता:
विकास पासवान, चंदन पासवान, जुड़ी राम, मो. नूर हसन, ओम प्रकाश साह, मो. अनवर, बिमला देवी, राधा रानी देवी, उर्मिला देवी, माला देवी, रेणु देवी, सबिता देवी, मालती देवी, जगतारण देवी, अनीता कुमारी, रामदाई देवी, सुनीता देवी, निशा कुमारी सहित सैकड़ों गरीब परिवारों ने ब्लॉक का घेराव किया।
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