- 21 साल से न्याय का इंतजार: डॉ. आशा गोयल हत्याकांड में देरी पर परिवार ने मुख्यमंत्री से की हस्तक्षेप की मांग
- डीएनए सबूत और कबूलनामे के बावजूद अब तक नहीं मिला न्याय
प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए रश्मि गोयल ने कहा, "हमने बहुत लंबा इंतजार किया है और अब हमारा धैर्य जवाब दे रहा है। मेरी माँ ने अपना जीवन दूसरों को स्वस्थ करने में समर्पित किया, लेकिन उनकी निर्मम हत्या के लिए अब तक न्याय नहीं मिल सका। हम मुख्यमंत्री से अनुरोध करते हैं कि वे इस मामले को आगे बढ़ाने में हस्तक्षेप करें। भारत ऐसा देश नहीं हो सकता जहाँ इतने मजबूत सबूतों के बावजूद अपराधी बच निकलें"। डॉ. आशा गोयल का जन्म 1940 में मथुरा में हुआ था। उन्होंने मुंबई में मेडिकल की पढ़ाई पूरी करने के बाद कनाडा में अपनी एक अलग पहचान बनाई। वे महिलाओं के स्वास्थ्य के क्षेत्र में अग्रणी विशेषज्ञ थीं और अपने योगदान के लिए दुनियाभर में सम्मानित थीं। उनकी निर्मम हत्या ने भारत और कनाडा, दोनों देशों को झकझोर कर रख दिया था, लेकिन उनके हत्यारे आज भी कानून की पकड़ से बाहर हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बात पर जोर दिया गया कि यह कानूनी देरी केवल गोयल परिवार के लिए व्यक्तिगत त्रासदी नहीं है, बल्कि भारत की न्याय प्रणाली के लिए एक गंभीर मुद्दा भी है। गोयल परिवार ने संकल्प लिया है कि वे हर संभव प्रयास जारी रखेंगे, जब तक कि दोषियों को उनके अपराध की सजा नहीं मिल जाती।
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