विशेष : रामेश्वरम मन्दिर में दुर्लभ है नागमणि का दर्शन - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 9 मार्च 2025

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विशेष : रामेश्वरम मन्दिर में दुर्लभ है नागमणि का दर्शन

मणि का महत्व :- 

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कहा जाता है कि महाकाल की भस्म आरती और रामेश्वरम का मणि दर्शन जिस भक्तों को हो जाते हैं उसका जीवन धन्य हो जाता है । मणि या नाग मणि का खासकर हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है। इसे एक चमकदार और दिव्य वस्तु माना जाता है जो सिर्फ नागों के पास पायी जाती है। कुछ लोग इसे पाने के लिए कई तंत्र-मंत्र और टोने-टोटके करते रहते हैं, लेकिन इसे पाना तो दूर, देखना भी बेहद दुर्लभ होता है।  रामेश्वर मंदिर में इसे एक निश्चित समय पर देखा जा सकता है। कहा जाता है कि यह वही मणि है जो भगवान विष्णु के शेषनाग की मणि है।

    

भारत की  धरती पर कई ऐसे स्थान हैं जो आध्यात्मिक और पौराणिक महत्व से जुड़े हुए हैं। इन्हीं में से एक है तमिलनाडु का रामेश्वरम मन्दिर भी है , जो भारत के दक्षिणी भाग में स्थित है। यहाँ हिंदू धर्म का प्रभाव बहुत गहरा है। यहाँ की लगभग 88% जनसंख्या हिंदू धर्म को मानती है और यह राज्य भारतीय हिंदू धर्म की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यहाँ एक अनोखी घटना घटी थी, जो नाग मणि दर्शन के नाम से प्रसिद्ध है। इस मंदिर में, हर दिन सुबह-सुबह मणि दर्शन होता है । यह “मणि” “स्पटिक” से बनी होती है, जो “पवित्र शिवलिंग” के रूप में एक कीमती क्रिस्टल है। किंवदंती के अनुसार, यह “शेषनाग” (वह साँप जिस पर भगवान विष्णु विश्राम करते हैं) की “मणि” है। देखने में एक कांच के समान और रंगहीन के साथ पारदर्शी भी होता है इसे देख यह भ्रम भी पड़ सकता हैं कि यह कांच है या फिटकरी का टुकड़ा ? लेकिन यदि इसको तरासकर मोती या अन्य रूप दिया जाय तो यह बेहद मनमोहक हो सकता है। इस स्फटिक लिंगम को प्रकाश में रखने पर प्रकाश समान रूप से बिना किसी धुंधले या अपारदर्शी पैच के गुजरता है। रामेश्वरम की नागमणि केवल एक धार्मिक वस्तु नहीं, बल्कि यह एक अद्भुत कहानी और अनुभव का प्रतीक है। यहाँ आने वाले भक्त इस मणि के माध्यम से न केवल अपने आध्यात्मिक जीवन को समृद्ध करते हैं, बल्कि अपनी इच्छाओं की पूर्ति भी करते हैं। 


रामेश्वरम मणि दर्शन टाइमिंग और बुकिंग :- 

नागमणि के दर्शन के लिए श्रद्धालु को रामेश्वर मंदिर के भीतर ही जाना होता है । नागमणि दर्शन का समय केवल 1 घंटा सुबह 5 बजे से 6 बजे तक ही होता है। इसलिए, बेहतर यही है कि सुबह 4 बजे पहुंचकर मंदिर में प्रवेश के लिए लगने वाली कतार में खड़े हो जाएं और अपना टिकट ले लें। इसे बुक करने के लिए कोई ऑनलाइन बुकिंग सुविधा उपलब्ध नहीं है, इसलिए किसी भी वेबसाइट या धोखाधड़ी से सावधान रहना चाहिए।


रामेश्वरम मणि दर्शन के टिकट मूल्य :- 

रामेश्वरम मणि दर्शन के टिकट दो प्रकार के हैं। एक टिकट की कीमत 50 रुपये है और दूसरे टिकट की कीमत 200 रुपये है। हालांकि, दोनों ही टिकट से सबको नागमणि के दर्शन आसानी से हो जाते हैं। 200 रुपये वाले टिकट में दर्शन थोड़ा नजदीक से होते हैं। यह सेवा पूर्णतः सशुल्क है, नागमणि दर्शन के लिए कोई भी मुफ्त टिकट उपलब्ध नहीं होता है और ना ही कोई वीवीआईपी लाइन होती है।


रामेश्वरम मणि दर्शन हेतु ड्रेस कोड :- 

रामेश्वरम केवल एक मंदिर ही नहीं बल्कि एक धाम भी है, इसलिए ध्यान रहे कि यहाँ पर प्रवेश करते समय केवल उचित स्वदेशी परंपरागत कपड़े ही पहननें की अनुमति दी गई है। पुरुषों को धोती, साउथ की लुंगी, कुर्ता-पजामा,  यहाँ पर अनुमति है, लेकिन किसी भी प्रकार के शॉर्ट्स, लोवर, कैपरी आदि ना पहनने की हिदायत दी जाती है । व महिलाओं साड़ी या कुर्ता पहन सकती हैं, जींस या शॉर्ट्स प्रवेश हेतु अमान्य है।





आचार्य डॉ राधेश्याम द्विवेदी 

(लेखक भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, में सहायक पुस्तकालय एवं सूचनाधिकारी पद से सेवामुक्त हुए हैं। वर्तमान समय में उत्तर प्रदेश के बस्ती नगर में निवास करते हुए सम सामयिक विषयों,साहित्य, इतिहास, पुरातत्व, संस्कृति और अध्यात्म पर अपना विचार व्यक्त करते रहते हैं।

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