पटना : बिहार दिवस के अवसर पर आत्मनिर्भर बिहार की तरफ बढ़ता एक और कदम - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 22 मार्च 2025

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पटना : बिहार दिवस के अवसर पर आत्मनिर्भर बिहार की तरफ बढ़ता एक और कदम

  • केन्द्रीय मंत्री श्री जीतन राम मांझी जी ने आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने लाभार्थियों के बीच वर्टिकल्स के टूल कीट और मशीनों का वितरित किया
  • प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के आत्मनिर्भर भारत के सपनों को साकार करने में महत्वपूर्ण योगदान करेगा बिहार

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पटना (रजनीश के झा)। बिहार दिवस के अवसर राज्य को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ाया गया है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के आत्मनिर्भर भारत के सपनों को साकार करने एवं सतत् प्रयासों को मूर्त रूप देने की दिशा में पहला करते हुए केन्द्रीय सुक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री श्री जीतन राम मांझी जी ने ग्रामोद्योग विकास योजना द्वारा चयनित लाभुकों के बीच वर्टिकल्स के टूल कीट वितरित किया। बिहार दिवस के अवसर पर दिनांक 22 मार्च को गया स्थित कृषि विज्ञान केन्द्र में आयोजित मुख्य कार्यक्रम के जरिए केंद्रीय मंत्री श्री जीतन राम मांझी जी ने वहां उपस्थित लाभार्थियों के साथ–साथ राज्य के अलग–अलग जिलों से वर्चुअली जुड़े लाभुकों के बीच भी टूल किटों का वितरण किया गया।


गया स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में उपस्थित लाभुकों के बीच रोजगार सृजन के लिए अगरबत्ती बनाने की कुल 56 मशीनें वितरित की गईं। इसके अलावा पाम गुड़ निर्माण के लिए 45, इलेक्ट्रिक चाक 40, पेपर पत्ता–कटोरी बनाने की 16 मशीनें और मधुबनी जिले से जुड़े लाभुकों के बीच मसाला उद्योग के लिए 8 मशीनें दी गई। वर्चुअल मोड में जुड़े राज्य के अन्य 5 जिलों के लाभुकों के बीच इलेक्ट्रिक चाक भी वितरित की गई। इनमें पटना जिले के 20, मुजफ्फरपुर के 40, खगड़िया के 20, समस्तीपुर के 20, बेगूसराय के 20 लाभुकों को टूल किट दिए गए। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री श्री जीतन राम मांझी जी ने कहा कि खादी और ग्रामोद्योग आयोग द्वारा माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के आत्मनिर्भर भारत के सपनों को साकार करने के लिए जो कदम बिहार में उठाए जा रहे हैं उसके जल्द ही स्वर्णिम नतीजे देखने को मिलेंगे। आयोग देश भर में ग्रामीण स्तर तक ग्रामोद्योगी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है। इसमें आत्मनिर्भरता के लिए मधुमक्खी पालन, कुम्भकारी, चर्मकारी, तार गुड़ निर्माण, अगरबत्ती उद्योग, वेस्ट वुड एवं टर्न वुड क्राफ्ट जैसे अनेक ग्रामीण कुटीर उद्योग शामिल हैं। श्री मांझी ने कहा कि अत्यंत निर्धन कामगारों के कौशल विकास हेतु प्रशिक्षण की भी व्यवस्था की गई है। प्रशिक्षित कामगारों को संबंधित उद्योग से जुड़ी मशीनरी और टूलकिट का वितरण कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है ताकि आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में भी बिहार का योगदान हो।


कार्यक्रम के दौरान ये जानकार भी साझा की गई कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में खादी और ग्रामोद्योग आयोग द्वारा बिहार राज्य में प्रशिक्षण के पश्चात 260 हितग्राहियों के बीच 2600 मधुमक्खी परिवार एवं मधु-बॉक्स, 320 कुम्मकारों को विद्युत चालित चाक, 100 चर्मकारों को जुता चप्पल रिपेयरिंग टूलकिट, अगरबत्ती निर्माण से जुड़े 56 कामगारों को पैडल ऑपरेटेड अगरबत्ती मशीन, ताड़ गुड़ निर्माण हेतु 45 टूल किट, पेपर प्लेट निमार्ण के 16 मशीन, मशाला प्रसंस्करण के लिए 08 मशीन, टर्न वुड के कार्य हेतु 20 मशीन एवं प्लम्बर के 20 टूल किट का वितरण किया जा चुका है। राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने देशवासियों से खादी और स्वदेशी अपनाने का का आह्वान आजादी की लड़ाई के वक्त किया था उसी संकल्प को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी सच्चे रूप में जमीन पर उतार रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा कई बार लोगों से विशेषकर युवाओं से खादी वस्त्र खरीदने तथा स्वदेशी अपनाने की अपील की गयी है। इसी विचार को आगे बढ़ाते हुए केंद्रीय मंत्री श्री जीतन राम मांझी जी ने इस कार्यक्रम के जरिए अपना संदेश दिया। इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री श्री जीतन राम मांझी जी के साथ गया के आयुक्त, जिलाधिकारी, जिला उद्योग केन्द्र, गया के महाप्रबंधक, स्थानीय बैंको के अधिकारीगण, प्रभागीय वन अधिकारी, गया स्थित राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम लि. (NSIC) के अधिकारी, कॉयर बोर्ड के अधिकारी, कृषि विज्ञान केन्द्र, गया के अधिकारी आदि के साथ-साथ स्थानीय विधायकगण एवं खादी और ग्रामोद्योग आयोग के राज्य निदेशक डॉ० एम. एच. मेवाती भी उपस्थित थे।

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