निरीक्षण के दौरान वन विभाग के पदाधिकारियों को हिरण्य पर्वत के सौंदर्यीकरण के लिए कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए गए। मंत्री ने कहा कि सरकार पर्यावरण के संरक्षण और इको टूरिज्म को विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी कड़ी में हिरण्य पर्वत को एक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा, जिससे यहां अधिक से अधिक पर्यटक आ सकें और स्थानीय लोगों को भी रोजगार के नए अवसर मिलें। इस मौके पर नालंदा के DFO (डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर) राजकुमार एम सहित कई विभागीय अधिकारी एवं स्थानीय गणमान्य लोग उपस्थित रहे। निरीक्षण के दौरान स्थानीय निवासियों ने हिरण्य पर्वत क्षेत्र में गंभीर जल संकट की समस्या को मंत्री डॉ. सुनील कुमार के समक्ष रखा। भारतीय जनता पार्टी के जिला मीडिया सह प्रभारी एवं निवर्तमान बिहारशरीफ नगर अध्यक्ष अमरेश कुमार ने बताया कि हिरण्य पर्वत स्थित जिम के सामने से लेकर मंसूर नगर और छोटी पहाड़ी तक के घरों में अब तक सरकार की नल जल योजना का पानी नहीं पहुंच पाया है। गर्मियों के दौरान इस क्षेत्र में पानी की समस्या और भी विकट हो जाती है, जिससे स्थानीय निवासियों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
इस पर मंत्री डॉ. सुनील कुमार ने स्थानीय नागरिकों को आश्वासन दिया कि जल संकट की समस्या के समाधान के लिए तेजी से प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि नगर आयुक्त से इस विषय में बातचीत हो चुकी है और जल्द ही इस समस्या का समाधान किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि अपने विधानसभा क्षेत्र के नागरिकों की समस्याओं के समाधान के लिए वे लगातार प्रयासरत रहते हैं और हिरण्य पर्वत क्षेत्र में जल संकट को दूर करने के लिए हरसंभव कदम उठाए जाएंगे। मंत्री डॉ. सुनील कुमार द्वारा हिरण्य पर्वत के विकास एवं सौंदर्यीकरण की यह पहल क्षेत्र के पर्यटन को बढ़ावा देने में मील का पत्थर साबित हो सकती है। 6 अप्रैल को आधुनिक सुविधाओं के शिलान्यास के साथ इस क्षेत्र को एक प्रमुख पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया जाएगा। साथ ही, स्थानीय नागरिकों की जल संकट की समस्या को दूर करने की दिशा में भी महत्वपूर्ण प्रयास किए जा रहे हैं, जिससे क्षेत्र के लोगों को राहत मिल सके। यह पहल न केवल हिरण्य पर्वत की सुंदरता में वृद्धि करेगी, बल्कि पर्यटकों और स्थानीय निवासियों के लिए एक बेहतर वातावरण भी तैयार करेगी।
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