- धूम-धाम से राम सीता विवाहोत्सव सम्पन्न हुआ।
आगे डाॅ.रमेशाचार्य ने कहा-धनुष टूट जाने के बाद सीता जी ने राम जी को विजय जयमाला पहनाकर सुशोभित किया।पुन:वैदिक रीति-रिवाज से राम-सीता का विवाह सम्पन्न हुआ।महाराज जनक ने बहुत सारा दहेज की अनमोल वस्तु देते हुए सीता की विदाई चरते हैं।विवाह दो आत्माओं का सहृदय मिलन है।प्रेम व स्वेच्छा से दिया गया दान-दहेज ही शुद्ध माना गया है।किसी पर दबाव डालकर दहेज लेना महापाप है।समाज को दहेज से दूर रहना ही श्रेयस्कर है।विदित हो कि श्रीराम कथा को सफल बनाने में अवधेश चौधरी,मनोज ठाकुर,कृष्ण ठाकुर,राजेन्दर ठाकुर,भबिखन दास,पूरन दास,संजीव झा,छोटन ठाकुर,बेचन दास,जयराम झा,सुरेश ठाकुर,मदन साव,बिरेन्दर यादव ,मिस रुबि,मिस रंगीला,निरंजन चौधरी आदि हैं।मंच संचालन रामबाबू ठाकुर ने किया।
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