मधुबनी : भाकपा-माले के नेतृव में सैकड़ों परिवारो ने शुरु किया "घेरा डालो- डेरा डालो" आंदोलन - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 18 मार्च 2025

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मधुबनी : भाकपा-माले के नेतृव में सैकड़ों परिवारो ने शुरु किया "घेरा डालो- डेरा डालो" आंदोलन

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कलुआही /मधुबनी (रजनीश के झा)। कलुआही अंचल कार्यालय के समक्ष भाकपा-माले के नेतृव में सैकड़ों महागरीब परिवारो ने अपने पांच सूत्री मांगों को लेकर अनिश्चित कालीन "घेरा डालो - डेरा डालो " आंदोलन शुरु कर दिया है. उनकी मांगों में प्रमुख है,  महिनों पहले अंचल कार्यालय में जमा कराये गये सैकड़ों महागरीब परिवारो को 72000/- रुपये बार्षिक से कम का आय प्रमाणपत्र निर्गत किया जाय. सैकड़ों भूमिहीन परिवारो द्धारा अंचल कार्यालय में दिये गये आवेदन के आलोक मे 5 डिसमल बास भूमि का पर्चा निर्गत किया जाय. जो गरीब परिवार जहां बसे हुए हैं, उसका बासगीत पर्चा दिया जाय.  पर्चाधारीयो को पर्चा बाली जमीन पर दखल कब्जा दिलाया जाय.  सभी ग्रामीण मजदूरों को जांब कार्ड दिया जाय एवं रोजगार की गारंटी की जाय. अंचल कार्यालय के समक्ष ही प्रखंड माले सचिव शांति सहनी की अध्यक्षता में सभा का आयोजन किया गया. सभा को भाकपा-माले के जिला सचिव ध्रुब नारायण कर्ण, मयंक कुमार यादव, श्याम पंडित, सत्यम मिश्रा, कर्नल लक्ष्मेश्वर मिश्रा,बद्री पासवान, पप्पू सदाय, शीला देवी, मंजू देवी, वगैरह ने संबोधित किया.  वक्ताओं ने अपने संबोधन में कहा कि भाकपा-माले, गरीबों के हित बाली योजनाओं को लेकर लगातार संघर्ष  चला रही है। परंतु नीतिश सरकार की अफसरशाही गरीबों के सवाल और मुद्दें पर संवेदनहीन बनी हूई है. इस मामले में सरकार का रबैया भी संवेदनहीन है.चाहे 6 हजार से कम मासिक आय बाले परिवारो को 2 लाख रुपए अनुदान का मामला हो या भूमिहीनों के बास आबास का सवाल हो.बसे हुये जमीन का पर्चा का सवाल हो या पर्चाधारियो के दखल कब्जा दिलाने का सवाल हो.इस मामले में नीतिश सरकार भाजपा के गोद में बैठ कर सामंती ताकतो का पक्षधर बन गई है।  आज पूरा बिहार भ्रष्टाचारियों, माफिआयो.एवं अपराधियो से तंग आ चुका है।  बक्ताओं ने आगे कहा कि  यह आंदोलन अति आवश्यक मांग जो अंचल और प्रखंड प्रशासन से जुड़ा हुआ है, जब तक लागू नहीं होगा, तब तक जारी रहेगा.

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