प्रशासन की मनमानी और गरीबों का शोषण बंद हो – माले
बैठक को संबोधित करते हुए भाकपा (माले) के युवा नेता मयंक कुमार यादव ने कहा कि प्रशासन गरीबों के साथ अन्याय कर रहा है। गरीबों को 65 हजार से कम का आय प्रमाणपत्र नहीं दिया जा रहा, जिससे उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा। भूमिहीनों को 5 डिसमिल जमीन देने की मांग पर लिस्ट सौंपे जाने के बावजूद प्रशासन चुप्पी साधे हुए है।
जॉब कार्ड घोटाला और भ्रष्टाचार पर कार्रवाई हो
गरीबों को जॉब कार्ड देने के बजाय उनसे हजारों रुपये वसूले जा रहे हैं, लेकिन जॉब कार्ड अब तक जारी नहीं किया गया। महिला नेत्री कॉ. सत्यम जी ने मांग की कि अंचल अधिकारी इस मामले का तत्काल संज्ञान लें और गरीबों को उनका हक दिलाएं।
आवास, पेंशन और मुआवजे से वंचित गरीब
इंदिरा आवास योजना का लाभ जरूरतमंदों तक नहीं पहुंच रहा, बल्कि इसमें बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हो रहा है। वृद्धा और विकलांग पेंशन के हकदार लोगों को लगातार गुमराह किया जा रहा है। 50 वर्षों से बसे गरीबों के घर सड़क निर्माण की जद में आ रहे हैं, लेकिन उन्हें कोई मुआवजा नहीं दिया जा रहा।
भाकपा (माले) का संकल्प – अब और अन्याय नहीं सहेंगे
भाकपा (माले) ने साफ कर दिया है कि गरीबों के सम्मान और अधिकारों पर हमला अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रशासन को चेतावनी दी गई है कि गरीबों के साथ भेदभाव बंद करे, अन्यथा जनता के आक्रोश का सामना करने के लिए तैयार रहे। गरीबों के हक की लड़ाई को लेकर 17 मार्च को कलुआही ब्लॉक का होगा घेराव। भाकपा (माले) ने सभी गरीब, मजदूर और न्यायप्रिय लोगों से इस आंदोलन में भाग लेने की अपील की है। भाकपा (माले) का कहना है कि यह लड़ाई सिर्फ एक दिन का आंदोलन नहीं है, बल्कि गरीबों के सम्मान और अधिकारों की रक्षा के लिए लगातार संघर्ष जारी रहेगा। यदि प्रशासन ने अपनी नीतियों में बदलाव नहीं किया, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।
बैठक में ये कार्यकर्ता रहे शामिल
फकीर पासवान, शीला देवी, बद्री पासवान, पप्पू सदाय, शिमला देवी, रंजू देवी, सिक्का देवी, सुनीता देवी, मोहित जी, मंजू देवी समेत दर्जनों भाकपा (माले) कार्यकर्ता बैठक में शामिल हुए।
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