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पटना यूनिवर्सिटी की दुर्दशा के लिए नीतीश कुमार और BJP जिम्मेवार, जदयू को छात्रसंघ चुनाव के लिए उम्मीदवार तक नहीं मिले
प्रशांत किशोर ने कहा कि पटना विश्वविद्यालय के गिरते शैक्षणिक स्तर और दुर्दशा के लिए नीतीश और भाजपा दोनों जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि 15-20 साल पहले पटना विश्वविद्यालय से छात्र सीधे IAS IPS के लिए चयनित होते थे, लेकिन आज पटना विश्वविद्यालय का शैक्षणिक स्तर पूरी तरह चरमरा गया है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय नहीं बनाया और नीतीश कुमार भी हमेशा भाजपा से मंत्री पद और अपनी पार्टी के लिए सीटों के लिए मोलभाव करते रहे। उन्होंने गठबंधन के लिए कभी भी पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाने की शर्त नहीं रखी और न ही राज्य सरकार ने पटना विश्वविद्यालय की शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार के लिए कोई ठोस कदम उठाया। इसका परिणाम है कि इस बार जदयू को छात्र संघ चुनाव में कोई उम्मीदवार तक नहीं मिले। इसलिए पटना विश्वविद्यालय की दुर्दशा के लिए नीतीश कुमार और भाजपा दोनों ही जिम्मेदार हैं। आगे उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने सेंट्रल यूनिवर्सिटी बनाने की मांग को ख़ारिज कर दिया, और इस मांग को ख़ारिज करते समय यह कहा कि हमलोग इसे इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी बनाना चाहते है, तो इंटरनेशनल तो बनाया नहीं, लेकिन जो था उसको भी छत-बिछत कर दिया। इन्फ्रास्ट्रक्चर, मेट्रो, डबल डेकर के नाम पर जो एक पटना विश्वविद्यालय की गरिमा थी, उसको भी बर्बाद कर दिया। क्या आप लोग अंदाजा लगा सकते हैं कि दिल्ली विश्वविद्यालय को तोड़ कर वहां पर मेट्रो कभी बनाया जा सकता है? लेकिन पटना विश्वविद्यालय साइंस विभाग के पूरी बिल्डिंग को ही तोड़ दिया गया है मेट्रो बनाने के लिए, ओर ऐसा सिर्फ बिहार में ही संभव है, इसके लिए मैं नीतीश कुमार और उनके सहयोगी को भाजपा को दोषी मानता हूं।
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