पटना : प्रशांत किशोर ने पटना यूनिवर्सिटी छात्र संघ चुनाव में उतारे उम्मीदवार - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

गुरुवार, 20 मार्च 2025

demo-image

पटना : प्रशांत किशोर ने पटना यूनिवर्सिटी छात्र संघ चुनाव में उतारे उम्मीदवार

  • अध्यक्ष पद के लिए दिवेश दीनू और उपाध्यक्ष पद के लिए दानिश वसीम प्रत्याशी

IMG-20250320-WA0005
पटना (रजनीश के झा)। जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आगामी पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव के लिए जन सुराज के उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की। उन्होंने बताया कि जन सुराज की ओर से अध्यक्ष पद के लिए दिवेश दीनू उम्मीदवार होंगे। इसके साथ ही उपाध्यक्ष पद के लिए मो. दानिश वसीम (रुहान), संयुक्त सचिव पद के लिए अनु कुमारी, जनरल सेक्रेटरी पद के लिए ऋतंभना रॉय और कोषाध्यक्ष पद के लिए बृजेश कुमार उम्मीदवार होंगे।


पटना यूनिवर्सिटी की दुर्दशा के लिए नीतीश कुमार और BJP जिम्मेवार, जदयू को छात्रसंघ चुनाव के लिए उम्मीदवार तक नहीं मिले

प्रशांत किशोर ने कहा कि पटना विश्वविद्यालय के गिरते शैक्षणिक स्तर और दुर्दशा के लिए नीतीश और भाजपा दोनों जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि 15-20 साल पहले पटना विश्वविद्यालय से छात्र सीधे IAS IPS के लिए चयनित होते थे, लेकिन आज पटना विश्वविद्यालय का शैक्षणिक स्तर पूरी तरह चरमरा गया है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय नहीं बनाया और नीतीश कुमार भी हमेशा भाजपा से मंत्री पद और अपनी पार्टी के लिए सीटों के लिए मोलभाव करते रहे। उन्होंने गठबंधन के लिए कभी भी पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाने की शर्त नहीं रखी और न ही राज्य सरकार ने पटना विश्वविद्यालय की शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार के लिए कोई ठोस कदम उठाया। इसका परिणाम है कि इस बार जदयू को छात्र संघ चुनाव में कोई उम्मीदवार तक नहीं मिले। इसलिए पटना विश्वविद्यालय की दुर्दशा के लिए नीतीश कुमार और भाजपा दोनों ही जिम्मेदार हैं। आगे उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने सेंट्रल यूनिवर्सिटी बनाने की मांग को ख़ारिज कर दिया, और इस मांग को ख़ारिज करते समय यह कहा कि हमलोग इसे इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी बनाना चाहते है, तो इंटरनेशनल तो बनाया नहीं, लेकिन जो था उसको भी छत-बिछत कर दिया। इन्फ्रास्ट्रक्चर, मेट्रो, डबल डेकर के नाम पर जो एक पटना विश्वविद्यालय की गरिमा थी, उसको भी बर्बाद कर दिया। क्या आप लोग अंदाजा लगा सकते हैं कि दिल्ली विश्वविद्यालय को तोड़ कर वहां पर मेट्रो कभी बनाया जा सकता है? लेकिन पटना विश्वविद्यालय साइंस विभाग के पूरी बिल्डिंग को ही तोड़ दिया गया है मेट्रो बनाने के लिए, ओर ऐसा सिर्फ बिहार में ही संभव है, इसके लिए मैं नीतीश कुमार और उनके सहयोगी को भाजपा को दोषी मानता हूं।

कोई टिप्पणी नहीं:

undefined

संपर्क फ़ॉर्म

नाम

ईमेल *

संदेश *