- नौजवान अपनी जड़ों से जुड़ना सीखें-लेफ्टिनेंट जनरल पांडे, युवा देश को विश्व में सर्वश्रेष्ठ बनाएं-डॉ. गदिया
श्री पांडेय ने कहा कि मेवाड़ में आकर उन्हें अपने बचपन की बातें याद आ गईं। बच्चों में जोश देखने लायक है। मेवाड़ ने जिस प्रकार के संस्कार अपने विद्यार्थियों को दिये हैं वे अद्वितीय हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को कहा कि वे अपने भारत के वीरों को पढ़ें। तब पता चलेगा कि वे अपने देश के लिए किस तरह सर्वस्व लुटाने के लिए तत्पर रहते थे। श्रीमती पांडेय ने भी कहा कि हम सभी मिलकर देश को उन्नत बनाने के लिए कंधे से कंधा मिलाकर काम करें। डॉ. गदिया कार्यक्रम अध्यक्ष थे। उन्होंने कहा कि शहीद दिवस पूरे देश में जागृति के साथ मनाया जाना चाहिये। अधिकारों से अधिक हमें अपने कर्तव्यों पर ध्यान देना होगा। जब तक आम नागरिक में त्याग और तपस्या की ललक पैदा नहीं होगी, हमारे देश का इतिहास समृद्ध नहीं होगा। डॉ .अशोक कुमार गदिया ने कहा कि युवा देश के लिए जीना सीखें। जो शहीदों के बलिदान से नसीहत नहीं लेते, उन युवाओं का देश कभी तरक्की नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि अपनी प्रगति जरूर करो लेकिन देश व समाज के उत्थान की भी चिंता करो। जागरूक इंसान बनो। कुछ अच्छे काम देश के लिए कर गए तो समझो कि हम शहीदों के सपनों को साकार कर गए। मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस की निदेशिका डॉ. अलका अग्रवाल ने कहा कि नौजवान समाज में फैली कुरीतियों को दूर करने के लिए दृढ़ संकल्पित हों। क्रांतिकारियों के किये गये कार्यों को अपनाकर देशहित में अपना सर्वस्व न्योछावर करने की भावना को बलवान बनाएं। मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस की ओर से शहीद दिवस के मौके पर शहीद रघुबर सिंह बुलंदशहर के बड़े पुत्र फतह सिंह और शहीद जितेन्द्र सिंह सिसोदिया के पिता चरण सिंह सिसोदिया को शॉल, स्मृति चिह्न, सम्मान पत्र व नकद राशि भेंटकर सम्मानित किया। इंस्टीट्यूशंस के छात्र-छात्राओं अजय, अनिरुद्ध, कशिश मेहरा, जाह्नवी, खुशी, मोहम्मद शारिक, कशिश गोयल, खुशबू एंड ग्रुप, करिश्मा, श्रुति, प्रेरणा, निशि वर्मा एंड ग्रुप आदि ने कविता, सम्भाषण, गीत और आकर्षक स्लागनों के जरिये पूरे माहौल को देशभक्तिमय बना दिया। इस अवसर पर मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस का तमाम शिक्षण स्टाफ व विद्यार्थी मौजूद थे। कार्यक्रम का सफल संचालन शिखा और भूमिका ने किया।
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