दिल्ली : यूट्यूब चैनल के नाम पर फ़र्ज़ी पत्रकारों का अवैध वसूली सिंडिकेट , पत्रकारों की साख दांव पर - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

  
प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

रविवार, 16 मार्च 2025

demo-image

दिल्ली : यूट्यूब चैनल के नाम पर फ़र्ज़ी पत्रकारों का अवैध वसूली सिंडिकेट , पत्रकारों की साख दांव पर

  • सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि यूट्यूब न्यूज चैनल के प्रतिनिधियों को पत्रकारिता के लिए अधिकृत नहीं माना जा सकता।

208b7b4e-bb1e-48e1-9049-f685643fde0d
नई दिल्ली (अशोक कुमार निर्भय) । राजधानी दिल्ली समेत देश के अनेक राज्यों में गली-गली यूट्यूब पर फर्जी चैनल बनाकर उसके नाम पर फर्जी पत्रकारों की बाढ़ आ गई है। कई कथित स्वयंभू यूट्यूब पत्रकार ऐसे हैं जिन्होंने कभी प्राइमरी स्कूल भी नहीं पास किया और आज वे फर्जी यूट्यूब चैनल के पत्रकार बनकर जनता और सरकारी एवं गैर-सरकारी संस्थानों को गुमराह कर रहे हैं, बल्कि समाज और देश को तोड़ने तक का प्रयास कर रहे हैं। आप फर्जी पत्रकारों को ऐसे समझ सकते हैं कि बैंक खाता खोलने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य है, लेकिन एक जीमेल अकाउंट तो निराधार व्यक्ति भी खोल सकता है। जो कोई भी जीमेल बनाकर फर्जी अकाउंट से यूट्यूब चैनल बना लेता है, फिर उसके नाम की आईडी और माइक लेकर बिना किसी योग्यता अथवा पत्रकारिता की पढ़ाई के ही कथित रूप से पत्रकार बनकर समाज और सरकारी विभागों को ब्लैकमेल करना शुरू कर देता है। सरकारी नियम के अनुसार किसी भी यु टीयूब के चैनल को मीडिया अथवा प्रेस तक लिखने का अधिकार नहीं है बावजूद इसके सारे नियम मकई धज्जियाँ उड़ाकर ऐसा रोज़ाना देखने को मिल रहा है। हाल ही में कुछ ऐसे मामलों का खुलासा हुआ है, जहां यूट्यूब चैनलों के नाम पर फर्जी पत्रकारों ने सरकारी अधिकारियों, व्यापारियों और आम जनता को ब्लैकमेल किया। उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश हुआ जिसने यूट्यूब चैनल के नाम पर अवैध वसूली का धंधा चला रखा था। जांच में पाया गया कि ये लोग बिना किसी प्रमाणित पत्रकारिता डिग्री या अनुभव के विभिन्न सरकारी कार्यालयों में जाकर अधिकारियों को धमकाते थे और अनुचित लाभ उठाने का प्रयास करते थे।


07aec2bf-62d6-4f34-8e14-ede4e47478f7
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले दो वर्षों में देशभर में डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फर्जी पत्रकारिता के मामलों में वृद्धि हुई है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने ऐसे फर्जी यूट्यूब चैनलों को चिह्नित कर उनके खिलाफ कार्रवाई भी की है। 2023 में सरकार ने 100 से अधिक फर्जी यूट्यूब चैनलों को बंद करने का आदेश दिया था, जो झूठी और भ्रामक खबरें फैला रहे थे। फर्जी पत्रकारिता के बढ़ते मामलों को देखते हुए भारत सरकार ने डिजिटल मीडिया के लिए कुछ नीतियां बनाई हैं। डिजिटल न्यूज़ प्लेटफॉर्म को पंजीकरण के दायरे में लाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम 2021 के तहत नए नियम लागू किए हैं, जिसके तहत सभी डिजिटल न्यूज़ प्लेटफॉर्म को स्वयं को पंजीकृत कराना होगा और प्रामाणिक जानकारी साझा करनी होगी। इस कदम से फर्जी पत्रकारों और यूट्यूब चैनलों की मनमानी पर रोक लगाने में मदद मिलेगी। मीडिया विशेषज्ञों का कहना है कि पत्रकारिता एक जिम्मेदारी भरा पेशा है, जिसमें सत्यता और निष्पक्षता आवश्यक होती है। वरिष्ठ पत्रकार एवं दैनिक भास्कर के राजनीतिक संपादक के पी मलिक के अनुसार, "फर्जी पत्रकारों की वजह से असली पत्रकारों की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठने लगते हैं। यह न केवल मीडिया जगत के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए चिंता का विषय है। सरकार और मीडिया संगठनों को मिलकर इस पर कड़ा नियंत्रण करना चाहिए।"


यूट्यूब और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को भी इस दिशा में कठोर कदम उठाने चाहिए। बड़े तकनीकी प्लेटफॉर्म्स को अपने नियमों को सख्त करना होगा, ताकि कोई भी व्यक्ति बिना प्रमाणित जानकारी के पत्रकारिता करने का दावा न कर सके। इसके लिए यूट्यूब और फेसबुक जैसे प्लेटफॉर्म को उन चैनलों की सत्यता की जांच करने के लिए एक सख्त वेरिफिकेशन प्रणाली लागू करनी चाहिए। इस समस्या के समाधान के लिए सरकार के साथ-साथ आम जनता को भी जागरूक होने की जरूरत है। यदि कोई व्यक्ति खुद को पत्रकार बताकर अवैध वसूली करने की कोशिश करता है या भ्रामक खबरें फैलाता है, तो उसकी शिकायत तुरंत पुलिस और साइबर क्राइम विभाग में दर्ज करानी चाहिए। यह एक गंभीर मुद्दा है, जिससे पत्रकारिता की विश्वसनीयता प्रभावित हो रही है। फर्जी पत्रकारों की बढ़ती संख्या से न केवल असली पत्रकारों की साख पर असर पड़ रहा है, बल्कि प्रशासनिक और कानूनी व्यवस्थाओं पर भी दबाव बन रहा है। देशभर में ऐसे कई लोग सक्रिय हैं, जिनका किसी मान्यता प्राप्त समाचार पत्र, चैनल या मीडिया संस्थान से कोई संबंध नहीं है, फिर भी वे खुद को पत्रकार बताते हैं और इस पेशे की गरिमा को ठेस पहुंचाते हैं। फर्जी "प्रेस" पहचान पत्र और वाहनों पर "प्रेस" लिखवाकर कई लोग न केवल नियमों की अनदेखी कर रहे हैं, बल्कि प्रशासनिक अधिकारियों पर भी अनुचित दबाव बना रहे हैं।


सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि यूट्यूब न्यूज चैनल के प्रतिनिधियों को पत्रकारिता के लिए अधिकृत नहीं माना जा सकता। इसके बावजूद, कई लोग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल कर अपनी पहचान पत्रकार के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं। चांपा समेत कई शहरों में तथाकथित पत्रकार अवैध गतिविधियों में संलिप्त पाए गए हैं, जो न केवल प्रशासन के लिए चुनौती है, बल्कि समाज के लिए भी एक गंभीर विषय है। वास्तविक पत्रकारिता सटीक तथ्यों, निष्पक्षता और प्रामाणिकता पर आधारित होती है। एक सच्चे पत्रकार के लिए जिज्ञासा, भाषायी कौशल और गहरी समझ आवश्यक होती है। फर्जी पत्रकारों की बढ़ती संख्या से वास्तविक पत्रकारों की पहचान धुंधली हो रही है, जिससे उनकी मेहनत और सच्चाई की खोज प्रभावित हो रही है। इसके साथ ही, सोशल मीडिया और यूट्यूब पर आपत्तिजनक और भ्रामक सामग्री पर भी निगरानी आवश्यक है। ऐसे प्लेटफॉर्म्स पर नफरत फैलाने वाली, शोषणकारी या भ्रामक खबरें दिखाने की अनुमति नहीं है, इसलिए इस पर सख्त नियंत्रण आवश्यक है। सरकार और प्रशासन को चाहिए कि वे इस विषय पर कठोर कदम उठाएं और पत्रकारिता की गरिमा को बनाए रखने के लिए उचित दिशा-निर्देश लागू करें। फर्जी पत्रकारों और यूट्यूब चैनलों के नाम पर हो रहे इस धोखाधड़ी को रोकने के लिए सरकार, मीडिया संगठनों और आम जनता को मिलकर प्रयास करने होंगे। उचित नीतियों, सख्त कानूनों और तकनीकी उपायों के माध्यम से इस समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है, ताकि देश में सच्ची और जिम्मेदार पत्रकारिता को बढ़ावा दिया जा सके।

कोई टिप्पणी नहीं:

undefined

संपर्क फ़ॉर्म

नाम

ईमेल *

संदेश *