सामूहिक रूप से गु्रप बनाना कर विचार विमर्श कर सामूहिक गतिविधिया कराई गई। द्वितीय दिवस 5 सत्र से 8 सत्र का आयोजन किया गया इसी प्रकार पाठयक्रम अनुसार उपििस्थ्त ली गई एवं प्रथम दिवस के प्रशिक्षक के बारे मे चर्चा की गई व सामूहिक रूप से खेल कराये एवं कुपोषण के संबध मे कार्यकर्ता को समझाईश दी जा कर नीरोन्स वीडियो दिखया गया बच्चो के विकास के संबध मे एक वर्ष तक बच्चो का 85 प्रतिशत मानसिक विकास हो जाता है एवं विकास की पंाच अवधारण के बारे मे रचनात्मक विकास, भाषा विकास संज्ञात्मक विकास सामजिक विकास, शारीरिक विकास तथा मोटर यान क्या होता है विस्तार से जानकारी दी गई, तृतीय दिवस मे 9 सत्र से 12 सत्र का आयोजन किया गया। उपस्थित दिव्यांगता के प्रकार के बारे मे एव लक्षण विस्तार से जानकारी दी गई पूर्व वर्ष मे दिव्यांगता के बारे 7 प्रकार थे दिव्यांगंता जन अधिकार अधिनियम 2016 के अनुसार दिव्यांगता के 21 प्रकार हो गये है जो कि दृष्टिहीनता, कम दृष्टि, श्रवण बाधिता, स्वलीनता विकार, बोनापन, थैलेसीमिया, हीमाफिलिया, मांसपेशियो, भाषा और भाषा हानि, सुनने मे परेशानी, बौद्विक, कुष्टरोग से मुक्ति इत्यादि के बारे जानकारी दी उक्त प्रशिक्षण मे प्रभारी परियोजना अधिकारी सीमा शर्मा, भूपेन्द्र अहिरवार पर्यवेक्षक, श्रीमती कविता ओझा पर्यवेक्षक, संतोष राठौर, राहुल सोलंकी, अखलेख राय एवं लक्ष्मण उपस्थित थे।
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