उन्होंने आगे कहा कि बच्चे शिक्षा की ओर बढ़ रहे हैं गांव का वातावरण बदला है.सामाजिक कटुता कम हुआ है और भेदभाव के बहुत सारे आयाम खत्म हुए है.बावजूद,इसके अभी तक महिलाओं के नाम भूमि का अधिकार देने का काम नहीं किया जा सका है। और तो और दो तिहाई कामगार महिलाएं प्रदेश के विकास व कल्याण का काम करने में लगी हैं.मगर उनको काम का फल और उसका उचित सम्मान नहीं मिल पा रहा है। इसके आलोक में एकता परिषद राष्ट्रीय समिति के सलाहकार प्रदीप प्रियदर्शी ने सरकार से हर महिला को घरेलू समस्या से निजात पाने के लिए वार्षिक ₹3000 देने की मांग की है,ताकि महिलाओं के स्वास्थ्य एवं बच्चों के शिक्षा में मदद मिल सके। इस अवसर पर एकता महिला मंच की नेता मंजुला डुंग डुंग ने कहा कि महिलाओं को अपने अधिकार के लिए आगे बढ़ना और हक मांगने की बजाय हक लेना है सम्मेलन में संघर्षशील पत्रकार नागेंद्र कुमार,प्रखंड के प्रमुख धर्मदेव पासवान,शिव कुमार ठाकुर, सिंधु सिन्हा आदि उपस्थित थे. उन लोगों ने अपने अपने विचार व्यक्त कर लोगों को विकास के कार्यों में शामिल होने के लिए प्रेरित किया।
पटना, (आलोक कुमार). अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर प्रगति ग्रामीण विकास समिति की ओर से पटना जिले के नौबतपुर प्रखंड में महिला भूमि अधिकार एवं हर महिला को मासिक 3000 मांग को लेकर एक दिवसीय महिला अधिकार सम्मेलन आयोजित की गई. इसमें प्रखंड के 40 गांव से हजारों महिलाओं ने अपनी भागीदारी निभाई. मौक पर एकता परिषद राष्ट्रीय समिति के सलाहकार प्रदीप प्रियदर्शी ने कहा कि देश और प्रदेश की महिलाएं जाग उठी हैं और अपने अधिकारों को भलीभांति समझ रही हैं.उन्होंने कहा कि महिलाओं में आई जागरूकता से बिहार की तस्वीर और तकदीर बदलने लगी है.खास बात यह है कि हिंसात्मक राह को छोड़कर शांति और विकास का मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं.
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