सुबह नौ बजे सैकड़ाखेड़ी स्थित आश्रम में प्रवचन का आयोजन किया गया था। जिसमें पंडित श्री पाराशर ने बताया कि हनुमान जी का प्रकट उत्सव है। हनुमान जी अजर-अमर माने गए हैं, इसलिए हनुमान का जिक्र रामायण के साथ ही महाभारत में भी है। रामायण के समय हनुमान जी ने राम जी की मदद की और महाभारत में भीम-अर्जुन का घमंड तोड़ा, महाभारत युद्ध हनुमान जी अर्जुन के रथ के झंडे पर विराजित थे, इस तरह हनुमान जी पांडवों की मदद की थी। भक्ति नि:स्वार्थ भाव से करनी चाहिए हनुमान जी की प्रमुख पहचान श्रीराम के प्रति उनकी नि:स्वार्थ भक्ति है। राम जी ने कई बार हनुमान जी कुछ मांगने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने कभी भी अपने स्वार्थ के लिए कुछ नहीं मांगा। उनका जीवन श्रीराम की सेवा और भक्ति में पूर्ण रूप से समर्पित रहा।
सीहोर। हर साल की तरह इस साल भी श्रद्धा भक्ति सेवा समिति के तत्वाधान में अनेक धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन हनुमान जन्मोत्सव के दौरान किया गया। इस मौके पर समिति के संचालक राहुल सिंह और जिला संस्कार मंच के संरक्षक जितेन्द्र तिवारी ने शहर के सैकड़ा खेड़ी स्थित वृद्धाश्रम में संगीतमय सुंदरकांड का आयोजन किया गया। इस मौके पर पंडित सुनील पाराशर सहित अन्य भजन गायकों ने भजन-कीर्तन की संगीतमय प्रस्तुति दी। इसके पश्चात शहर के प्राचीन गणेश मंदिर के समीपस्थत भूतेश्वर महादेव मंदिर परिसर में अनमोल हनुमान दरबार में पहुंचकर पूर्ण विधि-विधान से पूजा अर्चना की।
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