- सत्यनारायण मंदिर और गेट 4-बी से जत्थे को मिला प्रवेश, डमरूओं की थाप से गूंजा परिसर
आयोजित कार्यक्रमों की श्रृंखला में श्री काशी विश्वनाथ धाम न्यास ने आज सायं काल 51 मातृशक्ति स्वरूपा माताओं द्वारा ललिता सहस्रनाम का आयोजन किया। मां ललिता ही शाक्त मत एवं तंत्र साधना की सर्वोच्च शक्ति माता त्रिपुरसुंदरी के नाम से भी जानी जाती हैं। श्री काशी विश्वनाथ धाम के भैरव द्वार के पास मां ललिता तीर्थ भी स्थित है जहां काशी की नौ गौरी में से मां लालिया गौरी स्थित हैं। इस भव्य कार्यक्रम में काशी वासियों एवं धाम पधारे श्रद्धालुओं ने बढ़ चढ़ कर प्रतिभाग किया।मंगलवार को मंदिर सभागार में ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद की ओर से माता शृंगार गौरी के पूजन कार्यक्रम, ज्ञानवापी व्यास जी तहखाना और बाबा विश्वनाथ के दर्शन-पूजन को एक बैठक हुई थी। बैठक में तय किया गया कि बीते 38 वर्षों से चली आ रही शृंगार गौरी के दर्शन की अबाध परंपरा को कायम रखने और उसके दर्शन के मौलिक स्वरूप पर गहन विचार मंथन किया गया। मंदिर प्रशासन ने विगत वर्षों के स्वरूप को ही बनाए रखने का विचार रखा, जिस पर ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद के सदस्यों ने सहमति जताई। यह भी तय हुआ कि पुलिस प्रशासन भक्तों के परंपरागत व्यवस्था में सहयोग करेगा। बैठक में कार्यपालक अधिकारी विश्वभूषण मिश्र, मंदिर प्रशासन के डिप्टी एसडीएम शंभू शरण, पुलिस उपायुक्त, सहित ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद से डॉ. ज्ञान प्रकाश मिश्र, अधिवक्ता अनघ शुक्ल, पतंजलि पांडेय आदि शामिल रहे।
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