- भागवत कथा में धूमधाम से हुआ कृष्ण-रुक्मणी विवाह, झांकी सजाई
उन्होंने कथा के दौरान भगवान श्रीकृष्ण और माता रुकमणी के मंगल का वर्णन करते हुए कहाकि रुक्मणी भगवान की माया के समान थीं, रुक्मणि ने मन ही मन यह निश्चित कर लिया था कि भगवान श्री कृष्ण ही मेरे लिए योग्य पति हैं लेकिन रुक्मिणी का भाई रूकमी श्रीकृष्ण से द्वेष रखता था इससे उसने उस विवाह को रोक कर, शिशुपाल को रुक्मिणी का पति बनाने का निश्चय किया, इससे रुक्मिणी को दुख हुआ। उन्होंने अपने एक विश्वासपात्र को भगवान श्री कृष्ण के पास भेजा साथ ही अपने आने का प्रयोजन बताया। इसके बाद श्री कृष्ण जा पहुंचे। उधर रुक्मणी का शिशुपाल के साथ विवाह की तैयारी हो रही थी। परंतु उनकी प्रार्थना का असर हुआ और श्री कृष्ण का विवाह रुक्मणी के साथ हुआ। कथा सुनने आए श्रद्धालुओं भगवान श्री कृष्ण व रुक्मणी की झांकी के दर्शन किये। दाने परिवार की ओर से अश्वनी दाने, देवेन्द्र दाने, अशोक ठाकुर, भय्यु प्रजापति, रितेश राठौर, सूरज मोर्य, अनमोल, मुकेश मेवाड़ा आदि ने पूजा अर्चना की।
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