मुदित पाठक ने न केवल विचार-विमर्शों में सक्रियता दिखाई, बल्कि नाट्य प्रस्तुति में भी नेतृत्व निभाया। अंतिम दिन की प्रस्तुति में उन्होंने प्रभावशाली योगदान दिया, जिसे सभी सहभागियों ने सराहा। फेलोशिप के अनुभव पर बोलते हुए मुदित ने कहा, "यह एक ऐसा अनुभव था जिसने मुझे भीतर तक झकझोर दिया और मेरे नेतृत्व के दृष्टिकोण को नया आयाम दिया। यहाँ मैं आत्मचिंतन, संवाद और विविध दृष्टिकोणों को समझने की कला सीख सका।" मुदित का यह उपलब्धि उनके अब तक के नेतृत्व विकास के सफर में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इससे पहले भी वे गांधी फेलोशिप, अशोका यंग चेंजमेकर और कई अन्य सामाजिक अभियानों से जुड़कर समाज में सकारात्मक बदलाव ला चुके हैं।
मधुबनी (रजनीश के झा)। युवा सामाजिक उद्यमी और गांधी फेलोशिप से जुड़े रहे मुदित पाठक ने हाल ही में अनंता एस्पन इमर्जिंग लीडर्स फेलोशिप का सफलतापूर्वक समापन किया। यह प्रतिष्ठित नेतृत्व विकास कार्यक्रम 24 से 29 मार्च 2025 तक राजस्थान के बगड़ में आयोजित किया गया था। छह दिवसीय इस सेमिनार में मुदित ने भारत और विश्व के महान विचारकों की रचनाओं पर आधारित विविध संवादों और विमर्शों में सक्रिय भागीदारी की। इस कार्यक्रम में गांधी, अरस्तू, मैकियावेली, देस्मंड टुटू, भीमराव अंबेडकर, प्लेटो, और भगवद गीता जैसे ग्रंथों और विचारों पर आधारित गहन चर्चा की गई। प्रतिभागियों ने नेतृत्व, समानता, मानव स्वभाव, स्वतंत्रता और समुदाय जैसे विषयों पर चिंतन किया।
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